द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द्र समिति की ओर से जारी समन के ख़िलाफ़ फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक अजित मोहन की याचिका ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि दिल्ली फरवरी 2020 जैसे दंगे दोबारा नहीं झेल सकती. फेसबुक ने जहां लोगों को आवाज़ दी है, वहीं हमें इस तथ्य को भी नहीं भूलना चाहिए कि यह विध्वंसकारी संदेशों और विचारधाराओं का मंच भी बन गया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर द्वेषपूर्ण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए फेसबुक द्वारा कथित तौर पर कोई कदम न उठाए जाने की शिकायतों के बाद दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 15 सितंबर को समिति के सामने पेश होने को कहा है.
शांति और सद्भाव पर दिल्ली विधानसभा की समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा है कि दिल्ली दंगों की जांच में फेसबुक को सह-अभियुक्त की तरह मानना चाहिए और उसकी जांच होनी चाहिए. समिति ने हिंसा फैलाने में वॉट्सएप की भूमिका की जांच करने का भी ऐलान किया है.
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि अगर एनपीआर लागू हो गया तो देश की एक बड़ी आबादी इससे प्रभावित होगी.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव कथित तौर पर दिल्ली विधानसभा में पारित होने के बाद आम आदमी पार्टी में विवाद शुरू हो गया है.
शहर के कई अस्पतालों से जुड़ी रोगी कल्याण समितियों के प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप लगा था.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में आशंका जताई है कि दिल्ली में एफसीआई गोदामों से राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है.
दिल्ली विधानसभा में शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले कोई भी नगर निगम या सरकार के किसी अन्य नगर निकाय से संबद्ध नहीं था.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने पूर्व चुनाव आयुक्त एके जोती पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र सरकार को ख़ुश करने के लिए आप विधायकों को अयोग्य घोषित किया था.
चुनाव आयोग की सिफ़ारिश को दोषपूर्ण बताते हुए अदालत ने कहा कि इसमें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है. अदालत ने आयोग नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया.
जन गण मन की बात की 186वीं कड़ी में विनोद दुआ आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए गए पार्टी के विधायकों पर चर्चा कर रहे हैं.
अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह 29 जनवरी तक उपचुनाव तिथियों की घोषणा जैसा कोई क़दम नहीं उठाए.
मार्च 2015 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इस लाभ का पद बताते हुए याचिका दाख़िल की गई थी.
आप विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इन 20 विधायकों को चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया.