दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एम्स या दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में आप नागरिकों को बाहर से आने और इलाज कराने से नहीं रोक सकते हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल द्वारा मरीज़ के निवास स्थान के आधार पर भेदभाव किया गया है.