संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने एनसीईआरटी की किताबों से ग़ालिब, टैगोर, पाश की रचनाओं सहित गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाने की मांग की है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगी.
गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि नरेंद्र मोदी की डिग्री में जिस पेपर का उल्लेख किया गया है, उस समय एमए के दूसरे साल में ऐसा कोई पेपर नहीं था.
सरकार की ओर से ये बयान उन आरोपों के मद्देनज़र आया जिसमें कुछ नेताओं ने कहा था कि जेएनयू जैसे विश्वविश्वविद्यालयों से नक्सली गतिविधियां चलाई जा रही हैं.
मेनका गांधी के 'हारमोनल आउटबर्स्ट' वाले बयान के विरोध में 'पिंजड़ा तोड़ अभियान' की छात्राओं ने दिया जवाब- 'आपकी संकीर्ण सोच के पिंजड़े हमें क़ैद नहीं कर सकेंगे.'
प्रो. साईबाबा, जूएनयू के छात्र हेम मिश्रा और पत्रकार प्रशांत राही समेत पांच को गढ़चिरौली कोर्ट ने माओवादियों से संपर्क रखने और भारत के खिलाफ षडयंत्र रचने का दोषी क़रार दिया है.
हिंसा में दो पक्ष ज़रूर होते हैं, लेकिन बराबर नहीं. हिटलर की जर्मनी में भी दो पक्ष थे और गुजरात में भी दो पक्ष थे. जेएनयू में भी दो पक्ष थे और रामजस कॉलेज में भी दो पक्ष हैं. उनमें से एक हमलावर है, और दूसरा जिस पर हमला हुआ, यह कहने में हमारी संतुलनवादी ज़बान लड़खड़ा जाती है.
‘जन की बात’ की 11वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ रामजस कॉलेज विवाद और राइट टू रिकॉल पर चर्चा कर रहे हैं.
‘आवारा’ भीड़ अब दिल्ली विश्वविद्यालय के सम्मानित प्रोफेसरों को अपना निशाना बना रही है.
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘यह लोकतंत्र है, यहां सबको बोलने का अधिकार है. अगर किसी बात से आप सहमत नहीं हैं तो भी इसका जवाब हिंसा से देना ठीक नहीं.’
कश्मीर में लोकतंत्र कमज़ोर है इसलिए अफ़ज़ल गुरु को शहीद बताने वालों के साथ सरकार चला कर उसे मजबूत करना है और दिल्ली में लोकतंत्र बहुत मजबूत है इसलिए सेमिनार में गुंडागर्दी कर के इसे कमज़ोर करना है.
अच्छा होता केंद्र सरकार शैक्षिक परिसरों में खुलापन क़ायम करने का प्रयास करती. गुंडा तत्वों, उत्पात मचाने वालों और गुरमेहर को हत्या व रेप आदि की धमकी देने वालों की मुस्तैदी से धरपकड़ की जाती.
‘जन की बात’ की नवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ गुरमेहर कौर के वीडियो पर हुई ट्रॉलिंग और अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा तय करने संबंधी अरुण जेटली के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
रामजस विवाद: द वायर के पास मौजूद आॅडियो रिकॉर्डिंग में एबीवीपी समर्थक कहता है, ‘हमारे कॉलेज में आके प्रोटेस्ट करेंगे तो पिटेंगे ही... एक बंदे को इतना मारा, मार-मार के लाल कर दिया.’
बीते दिनों रामजस कॉलेज में हुई हिंसा यह साफ़ दिखाती है कि अगर इस तरह की राजनीति से प्रेरित ग़ुंडागर्दी को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.