जिंदल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की 500 से अधिक शिक्षाविदों ने निंदा की

23 सितंबर 2023 को हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष की शिकायत पर पुलिस ने ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की प्रो. समीना दलवई के ख़िलाफ़ क्लास में एक डेटिंग ऐप पर छात्राओं की प्रोफाइल दिखाकर उनकी ‘गरिमा को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में केस दर्ज किया था. शिक्षाविदों ने कहा है कि उन्हें उनकी मुस्लिम पहचान और उनकी राजनीतिक मान्यताओं के लिए निशाना बनाया गया है.

पत्रकारिता सभ्यता का दर्पण और खोजी पत्रकारिता इसका एक्स-रे है: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्ष 2008 में कुछ पत्रकारों के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि के मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ईमानदार पत्रकारिता सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों को अदालतों के संरक्षण की आवश्यकता है, ताकि वे हानिकारक परिणामों से डरे बिना समाचार प्रकाशित कर सकें.

जहां संविधान में धर्मनिरपेक्षता निहित है, वहां धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता: मनीष तिवारी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का यह बयान तब आया है, जब एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीएए के नियमों को लोकसभा चुनावों की घोषणा से ‘बहुत पहले’ अधिसूचित कर दिया जाएगा. दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित होने और राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में इसके ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे.

सत्ता में बैठे लोग ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का उपयोग अपमानजनक के अर्थ में कर रहे हैं: सोनिया गांधी

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग कहते हैं कि वे ‘लोकतंत्र’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही वे इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए सुरक्षा उपायों को भी कमज़ोर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश को सद्भाव की ओर ले जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और इसके परिणाम बढ़ते ध्रुवीकरण के रूप में देखे जा रहे हैं.

केंद्र के ख़िलाफ़ अभियान शुरू करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, 26 जनवरी को 500 ज़िलों में होगी ट्रैक्टर परेड

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि देशभर के 20 राज्यों में इसकी राज्य इकाइयां 10-20 जनवरी तक घर-घर जाकर और पर्चा वितरण के माध्यम से ‘जन जागरण’ अभियान चलाएंगी. इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की ‘कॉरपोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों को उजागर करना’ है.

60 से अधिक डिजिटल अधिकार संगठनों ने केंद्र सरकार से दूरसंचार विधेयक वापस लेने की मांग की

60 से अधिक डिजिटल अधिकार समूहों ने दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर कहा है कि दूरसंचार विधेयक गोपनीयता और स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण एन्क्रिप्शन को ख़तरे में डालता है, इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने की सरकार की अनियंत्रित शक्तियों को बढ़ावा देता है और स्वतंत्र निरीक्षण के बिना निगरानी को बढ़ाता है.

संविधान का ढांचा तो औपचारिक रूप से बरक़रार है, पर उसकी आत्मा का हनन रोज़ हो रहा है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: जैसे अक्सर क्रांति को क्रांति की संतानें ही खा जाती हैं वैसे ही संविधान की संतानें, राजनीतिक दल, लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई सरकारें संविधान को कुतर-काट रहे हैं.

पत्रकार संगठनों ने मीडिया की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की

विभिन्न पत्रकार संगठनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि आज हमारे समुदाय को एक घातक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पत्रकारों के ख़िलाफ़ कठोर क़ानूनों का उपयोग तेज़ी से बढ़ गया है. ये क़ानून ज़मानत का प्रावधान नहीं करते, इसके तहत कारावास आदर्श है, न कि अपवाद.

18 मीडिया संगठनों ने सीजेआई को पत्र लिखकर प्रेस की आज़ादी पर हमले को लेकर चिंता जताई

न्यूज़क्लिक के पत्रकारों और उससे जुड़े लोगों के यहां छापे, पूछताछ और गिरफ़्तारी के बाद देशभर के पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के अठारह संगठनों ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में पत्रकारों से पूछताछ और उनसे फोन आदि की जब्ती के लिए दिशानिर्देश तैयार करने गुज़ारिश की है. 

पत्रकारों के यहां छापों पर अरुंधति रॉय ने कहा- आपातकाल से भी ज़्यादा ख़तरनाक हालात

लेखक-कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों पर छापेमारी को लेकर विरोध जताते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी 2024 में वापस सरकार में आती है तो देश लोकतंत्र नहीं रहेगा.

न्यूज़क्लिक ने आधिकारिक बयान में कहा- अब तक नहीं मिली एफआईआर की कॉपी, अपराध का विवरण

न्यूज़क्लिक ने इसके पत्रकारों और स्टाफ के यहां हुई छापेमारी, पूछताछ और गिरफ़्तारी के बाद जारी बयान में कहा है कि वे ऐसी सरकार, जो पत्रकारिता की आज़ादी का सम्मान नहीं करती और आलोचना को राजद्रोह या 'एंटी-नेशनल' दुष्प्रचार मानती है, की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं.

स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने का प्रयास जारी है

एक पूरे मीडिया संगठन पर 'छापेमारी' करना और उचित प्रक्रिया के बिना पत्रकारों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को छीन लेना स्वतंत्र प्रेस के लिए एक बुरा संकेत है, लेकिन लोकतंत्र के लिए उससे भी बदतर है.

वी-20 सम्मेलन की अनुमति से इनकार के बाद आयोजक बोले, हम पुलिस स्टेट बनने के ​क़रीब पहुंच गए हैं

वी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था, जिसका स्वामित्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास है. इससे पहले बीते 19 अगस्त पुलिस ने कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद अंतत: इसे जारी रहने दिया.

उमर ख़ालिद: एक ज़हीन इतिहासकार, जिसका क़ैद में रहना अकादमिक जगत का नुकसान है

सरकार जिस उमर ख़ालिद उनके मज़हब तक सीमित कर देना चाहती है, पर वो एक गंभीर शोधार्थी हैं, जिनकी पीएचडी का विषय सिंहभूम का आदिवासी समाज हैं. उनकी थीसिस में लिखा गया हर शब्द एक ऐसे शख़्स को हमारे सामने लाता है, जो बेहद गहराई से लोकतंत्र और इसके अभ्यासों के साथ जिरह कर रहा है.

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