2 जुलाई को पूर्वी मलाड के कुरुर वन क्षेत्र में बीएमसी के मलाड हिल जलाशय की बॉउंड्री वॉल का कुछ हिस्सा पिंपरीपाड़ा और आंबेडकर नगर इलाकों में बनी झुग्गियों पर ढह गया था, जिसमें 29 लोगों की जान चली गई और 132 लोग घायल हुए. इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में कई प्रशासनिक खामियां सामने आई हैं.
राज्य के जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि मुझे लगता है कि आप अपनी क़िस्मत नहीं बदल सकते, जो भी होना है, वह होगा. विपक्षी दलों ने इस बात की आलोचना की है. राकांपा ने कहा कि मंत्री ‘एक भ्रष्ट मछली’ को बचाने के लिए केकड़ों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.
रत्नागिरि ज़िले के तिवारे बांध में दरार आने के बाद निचले इलाके में आने वाले तकरीबन सात गांवों में बाढ़ जैसे हालत. 12 मकान बहे. बांध में दरार पड़ने की शिकायत स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कोर्ट ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के अनुरूप मराठा आरक्षण का प्रतिशत 16 से घटाकर 12 से 13 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
एक मई को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में आईईडी के ज़रिये किए गए विस्फोट में 15 जवान शहीद हो गए थे.
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में आईडीडी के ज़रिये किए गए विस्फोट में जवानों को ले जा रहे वाहन के ड्राइवर की भी मौत. इससे पहले नक्सलियों ने गढ़चिरौली में ही सड़क निर्माण कर रही टीम की 25 गाड़ियों को आग लगा दी थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे हत्या मामलों की धीमी जांच पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के पास गृह सहित 11 विभाग हैं लेकिन इस मामले को देखने के लिए उनके पास वक़्त नहीं है.
मुंबई का यह ब्रिज टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास के क्षेत्र को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन से जोड़ता है. मुंबई हमले के दौरान आतंकी कसाब ने इसी ब्रिज का इस्तेमाल किया था.
महाराष्ट्र के किसान संजय साठे ने 750 किलो प्याज़ के महज़ 1,064 रुपये मिलने से नाराज़ होकर इसे मनीऑर्डर के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था. पीएमओ ने इसे लेने से इनकार करते हुए उन्हें डिजिटल माध्यम से पैसे भेजने को कहा है.
प्याज़ की कम कीमत मिलने के कारण तात्याभाउ खैरनर और मनोज धोंडगे ने आत्महत्या कर ली. महाराष्ट्र से लगातार ये ख़बरे आ रही हैं कि प्याज के किसान अपने उत्पाद को कम दाम में बेचने को मजबूर हैं.
महाराष्ट्र: 2,657 किलो प्याज़ बेचने पर 6 रुपये की बचत, नाराज़ किसान ने पूरा पैसा मुख्यमंत्री को भेजा
अहमदनगर ज़िले के एक किसान श्रेयस अभाले ने 2,657 किलो प्याज़ बेची तो उन्हें 2,916 रुपये मिले. मजदूरी और परिवहन पर आए ख़र्च के तौर पर 2,910 रुपये चुकाने के बाद किसान के पास मात्र छह रुपये बचे.
नासिक की येओला तहसील में कृषि उत्पादन बाजार समिति में एक किसान ने 545 किलोग्राम प्याज़ 51 पैसे प्रति किलोग्राम के भाव से बेचा. किसान का कहना है कि क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति है. इस आय में कैसे घर चलाऊं, कैसे अपने क़र्ज़ चुकाऊं.
महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने सिंचाई प्रोजेक्ट के क़र्ज़ के लिए मंदिर ट्रस्ट से संपर्क किया था, जिसके बाद ट्रस्ट के अध्यक्ष और भाजपा नेता सुरेश हवारे ने बिना किसी ब्याज और समय सीमा के यह क़र्ज़ देने का फ़ैसला लिया.
मराठा समुदाय की राज्य में 30 प्रतिशत आबादी है. यह समुदाय लंबे समय से अपने लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहा है. बीते जुलाई और अगस्त महीने में इसके लिए हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे.
विभिन्न मांगों को लेकर लगभग 20,000 किसान ठाणे से मुंबई पदयात्रा कर पहुंचे हैं. ये किसान विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे.