घटना रविवार शाम को धनबाद के झरिया में कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा संचालित गोंदुडीह खास कुसुंडा कोलियरी के पास हुई. आक्रोशित ग्रामीणों ने मौक़े पर पहुंचे कुछ अधिकारियों के साथ मारपीट भी की.
घटना धनबाद ज़िले की है, जहां तेतुलमारी स्थित सेंट ज़ेवियर्स स्कूल की दसवीं की छात्रा को स्कूल में बिंदी लगाने पर एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर थप्पड़ मारा गया था. बताया गया है कि छात्रा के सुसाइड नोट में शिक्षक और स्कूल प्रिंसिपल को ज़िम्मेदार बताया गया है.
धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था. सीबीआई की एक विशेष अदालत ने ऑटोरिक्शा चालक और उसके सहायक को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए उन पर 30 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
झारखंड में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके सहायक राहुल वर्मा को दोषी ठहराया. दोनों दोषियों को छह अगस्त को सज़ा सुनाई जाएगी. धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था.
धनबाद के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के साथ 20 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. एक निर्माणाधीन फैक्ट्री के मालिक का आरोप है कि भाजपा विधायक ने उनसे दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी जो न देने पर उन्होंने अपने दो दर्जन गुंडों को भेजकर फैक्ट्री की दीवार गिरवा दी.
यह प्रदर्शन उस समय शुरू हुए, जब झारखंड सरकार ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट उत्तीर्ण उम्मीदवारों के चयन के लिए दो ज़िलों- बोकारो और धनबाद में क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में मगही और भोजपुरी को शामिल किए जाने के लिए अधिसूचना जारी की थी. ये आंदोलन बड़े पैमाने पर इन्हीं ज़िलों में हो रहे हैं, जहां प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यहां बहुत ही छोटी आबादी भोजपुरी और मगही बोलती है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों- लखन वर्मा और राहुल वर्मा के ख़िलाफ़ धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ीं धाराओं में आरोप तय किए. धनबाद के जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि एजेंसी अब इस मामले से थक गई है और अपना पीछा छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है. जांच ऐसी दिशा में जा रही है जिससे लगता है कि वह ख़ुद आरोपियों को बचा रही है.
बीते जुलाई में हुई धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को सौंपी है. केंद्रीय एजेंसी के रवैये से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि उसकी चार्जशीट किसी 'उपन्यास' सरीखी है, जिसे केवल औपचारिकतावश दाख़िल किया गया है.
दो सप्ताह में यह दूसरी बार है कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में सीबीआई को फटकारा है. इससे पहले 22 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि एजेंसी जांच पूरी करते हुई और ‘घिसे-पिटे ढर्रे’ पर आरोपपत्र दाखिल करते हुए ‘बाबुओं’ की तरह काम कर रही है.
धनबाद के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई निदेशक को पेश होने के लिए कहते हुए कहा कि एजेंसी ने जांच पूरी करने और आरोप-पत्र दाख़िल करते हुए ‘बाबूओं’ की तरह काम किया. ऐसा लगता है कि यह केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए दाख़िल किया गया है.
धनबाद के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है. इस घटना से न्यायिक अधिकारियों का मनोबल कम हुआ है और अगर इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा नहीं किया गया तो यह न्यायिक व्यवस्था के लिए सही नहीं होगा.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप है कि राज्य में अहम पदों पर बैठे कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने जान-बूझकर सुप्रीम और हाईकोर्ट के कुछ जजों पर आदेश सुनाने में जाति और भ्रष्टाचार संबंधी आरोप लगाए हैं.
झारखंड हाईकोर्ट मामले में सीबीआई की धीमी जांच और फॉरेंसिक साइंसेज लैबोरेटरी में कर्मचारियों की कमी पर नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार इस अदालत को अंधेरे में रखना चाहती है. धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत मामले की सीबीआई की धीमी जांच पर असंतोष जताया है. धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.