केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.
पिछले साल अप्रैल में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि वित्तीय संस्थाएं क्रिप्टो बिजनेस को सेवाएं मुहैया न कराएं. इसे इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
नोटबंदी से अमीरों का काला धन गरीबों को देने का प्रधानमंत्री मोदी का महान वादा एक डरावने मज़ाक में बदल चुका है क्योंकि पिछले साल भर में देश के कमज़ोर तबके पर नोटबंदी की सबसे ज़्यादा मार पड़ी है.