बीते 14 जनवरी को केरल के कोट्टायम की एक अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि अभियोजन पक्ष उनके ख़िलाफ़ सबूत पेश करने में विफल रहा. एक नन ने रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है.
एक नन ने रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. केरल की एक अदालत ने 14 जनवरी को अभियोजन पक्ष द्वारा बिशप के ख़िलाफ़ सबूत पेश करने में विफल रहने का हवाला देते हुए उन्हें बरी कर दिया.
एक नन ने रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. केरल की एक अदालत ने शुक्रवार को अभियोजन पक्ष द्वारा बिशप के ख़िलाफ़ सबूत पेश करने में विफल रहने का हवाला देते हुए उन्हें बरी कर दिया.
केरल में कोट्टायम की एक अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उनके ख़िलाफ़ सबूत पेश करने में विफल रहा. एक नन ने रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था.
एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. अब मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नन बलात्कार मामले में 14वीं गवाह हैं.
नन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल और उनके समर्थक सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनलों के माध्यम से उसे और मामले में गवाह उसकी साथी ननों को अपमानित कर रहे हैं.
बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रेंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को बीते अगस्त में चर्च से निष्कासित कर दिया था. सिस्टर लूसी ने अपने निष्कासन के ख़िलाफ़ वेटिकन में गुहार लगाई थी.
आरोपपत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में समूह ने कहा कि बलात्कार पीड़िता और पांच अन्य नन लगातार एक-दूसरे से अलग किए जाने और केरल से दूर भेजने के खतरे का सामना कर रही हैं. सरकार इन ननों को सुरक्षा मुहैया करा रही है पर अगर उन्हें दूसरे कॉन्वेंट में भेजा गया तो उनकी जान को खतरा पैदा हो सकता है.
इससे पहले, प्रदर्शन में भाग लेने वाली चार ननों को तबादला आदेश जारी किया गया था. इसके बाद कथित पीड़िता नन और चार अन्य ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिख कर अपने तबादला आदेश के क्रियान्वयन पर मामले की सुनवाई पूरी होने तक रोक सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था.
पिछले साल चार ननों का तबादला किया गया था, लेकिन उन्होंने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाने वाली पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कॉन्वेंट में ही बने रहने का फैसला किया था.
परिवारवालों ने मामले की गहन जांच कराने की मांग की. फादर के भाई ने आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल के करीबी लोगों द्वारा बार-बार उन्हें धमकाया जा रहा था. उन्होंने उनकी कार क्षतिग्रस्त कर दी थी और जालंधर में उनके घर पर पथराव भी किया था.
बलात्कार मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिखकर अस्थायी तौर पर पद छोड़ने की पेशकश की. विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों और ननों के एक समूह का कोच्चि में पिछले 10 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी.