राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम ने नवंबर 2022 में गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन किया था. इस आयोजन के समापन समारोह में इज़रायली फिल्म निर्माता और जूरी सदस्य नदाव लपिद ने मंच पर खुले तौर पर विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के चयन की आलोचना की थी.
‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताने के कारण इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) जूरी प्रमुख नदाव लपिद भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे.
इस्राइली फिल्मकार नदाव लपिद को लगा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म समारोह की गरिमा को धूमिल करने वाली प्रविष्टि है, उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए उन्होंने ईमानदारी से अपनी राय रखी. भारत उनके लिए सत्यजित राय, मृणाल सेन, अपर्णा सेन आदि का भारत है. वे उसे अपनी निगाह में गिरते नहीं देखना चाहते.
इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी प्रमुख नदाव लपिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘भद्दी’ और ‘दुष्प्रचार वाली’ बताया था. इसे लेकर व्यापक आलोचना के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने अनजाने में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगी है.
53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़रायली फिल्मकार नदव लापिड ने कहा कि हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से हैरान और परेशान हैं, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.
सरकारी आदेश में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न गतिविधियों के दोहराव को घटाने और सार्वजनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्म के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्म के संरक्षण का कार्य राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) को हस्तांतरित कर दिया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पिछले महीने भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार के फिल्म प्रभाग, फिल्म समारोह निदेशालय और चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के एनएफडीसी में विलय का निर्देश दिया है. फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह निर्णय बिना हितधारकों से चर्चा के लिया गया है.