पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 17वीं लोकसभा के दौरान 172 विधेयकों को चर्चा हुई के बाद पारित किया गया, जिनमें से लोकसभा में 86 और राज्यसभा में 103 विधेयकों पर दो घंटे से भी कम समय की चर्चा हुई. 172 विधेयकों में लोकसभा में केवल 16 और राज्यसभा में 11 विधेयकों पर 30 से अधिक सदस्यों ने चर्चा की.
इसमें से एक आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 है, जिसमें आयुध कारखानों के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने का प्रावधान किया गया है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस क़ानून के ज़रिये सरकार श्रमिकों के मौलिक अधिकार छीनना चाहती है.
दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने कहा छात्रों का इकट्ठा होकर नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है और इससे ये साफ़ नहीं होता कि उनका मक़सद फ़साद फैलाना था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सभा, वाद-विवाद और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रबंधन की अनुमति मिलने में विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.