पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल ही में हुई अशांति के बाद आंतरिक क़ानून और व्यवस्था के लिए संभावित ख़तरों का हवाला देते हुए असम के चार ज़िलों - तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव और शिवसागर में आफस्पा को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ से आफस्पा को हटा लिया है. जिन चार ज़िलों में इसकी अवधि बढ़ाई गई है, उनमें डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव शामिल हैं. असम सरकार ने पिछले महीने केंद्र से सिफ़ारिश की थी कि 1 अक्टूबर से राज्य के बाकी बचे आठ ज़िलों से आफस्पा हटा दी जाए.
असम मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) और अशांत क्षेत्र अधिनियम को पूरे राज्य से वापस लेने की सिफ़ारिश की है. पिछले महीने एक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पूरे राज्य से आफस्पा हटाने का प्रयास करेगी.
गुजरात के सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाज़ार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, रांदेर और लिंबायत पुलिस थाना इलाकों में इस अवधि को बढ़ाया गया है. इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के ज़रिये संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. वडोदरा नगर निगम में शामिल किए गए भायली इलाके के निवासियों ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को घर आवंटित करने का विरोध करते हुए क्षेत्र को अशांत क्षेत्र अधिनियम के तहत लाने की मांग की है.
गुजरात में आणंद जिले के खंभात कस्बे में लगातार तीसरे दिन तनाव बना रहा और भीड़ ने मंगलवार को कुछ हिंदू समुदाय के समूहों द्वारा आहूत बंद के दिन सड़क किनारे दो झोपड़ियों और मोटरसाइकिलों को जला दिया. रविवार को इस कस्बे में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं.