भारतीय चिकित्सा परिषद ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिकृत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के मेडिकल कॉलेजों को परिषद द्वारा मान्यता नहीं दी गई है, जिसके कारण यहां से से शिक्षा पाने वाले लोग देश में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण हासिल करने के योग्य नहीं हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दें. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि डॉक्टरों और उनके परिवार के लिए पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित की जाए और सरकार की तरफ से उन्हें चिकित्सीय एवं जीवन बीमा दिया जाए.
हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि देरी से वेतन देना नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में चलन बन गया है. बीते कुछ समय में हिंदू राव के अलावा नॉर्थ एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में तनख़्वाह में देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को एहतियात बरतने के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि वरिष्ठ और युवा डॉक्टर समान रूप से कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन वरिष्ठों की मृत्यु दर अधिक है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल की नर्सों, लैब तकनीशियनों और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने तीन महीने का वेतन नहीं मिलने पर धरना दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले सप्ताह तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपनी सेवाएं समाप्त कर देंगे.
इससे पहले कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आवास और क्वारंटीन सुविधा को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाख़िल एक अन्य याचिका के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि संक्रमण से बचाव की अंतिम ज़िम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों की है.
पंजाब क्लिनिकल प्रतिष्ठान अध्यादेश को डॉक्टर विरोधी और जन विरोधी क़रार देते हुए प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सरकार इसके ज़रिये निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहती है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में पहली कतार के योद्धाओं- डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर उसमें कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में देरी की जा रही है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने की शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले क़रीब 3,000 डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं.
यह मामला मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले का है. कोरोना संक्रमित युवक के घर पहुंचे चिकित्साकर्मी पीपीई किट के बजाय प्लास्टिक की एक शीट बांधकर गए हुए थे.
ग़ाज़ियाबाद की नीलपदम कुंज सोसाइटी का मामला. एम्स रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया है.
युद्ध असाधारण परिस्थिति उत्पन्न करता है, जहां समाचार, विचार और सामाजिक आचार सिर्फ सरकारें तय कर सकती हैं. युद्ध में सरकार से सवाल जुर्म होता है और सैनिक से बलिदान की अपेक्षा की जाती है. ऐसे में अगर डॉक्टर ख़ुद को संक्रमण से बचाने की सामग्री की मांग करते हुए काम रोक दें तो वही जनता, जो इनके लिए करतल ध्वनि के कोलाहल का उत्सव मना रही थी, इनके लिए सज़ा की मांग करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाओं में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी कर्मचारियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
डॉक्टरों से संबंधित प्रशासनिक काम संभालने वाली एम्स फैकल्टी सेल के प्रमुख डॉक्टर संजय आर्या ने कहा कि हमने वरिष्ठ डॉक्टरों का डाटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से फॉर्म भेजे थे. उनकी जाति और धर्म के बारे में जानकारी की कोई जरूरत नहीं थी. फॉर्म में ये सवाल गलती से जोड़ दिए गए. मैं इसे जल्द ही संशोधित कर दूंगा.