उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक़्त कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पूरी तकनीकी क्षमता से लैस किए बिना ही इसका उद्घाटन कर दिया गया. आज हाल यह है कि महज़ शोपीस बनकर रह गया एयरपोर्ट उद्घाटन के 28 माह बाद भी घरेलू व विदेशी उड़ानों के लिए तरस रहा है.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई से घरेलू यात्री उड़ान सेवाओं को बहाल किया था. इस बीच ममता बनर्जी ने केंद्र से 31 जुलाई तक कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्रों से आने वाली घरेलू और अंतराष्ट्रीय उड़ानों के साथ विशेष ट्रेनों पर रोक लगाने का आग्रह किया है.
आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या किसी चीज़ का कोई तर्क बचा है? क्या यह इसलिए है कि सरकार निश्चिंत है कि उसके फैसलों की तर्कहीनता की हिमाकत पर उसकी जनता मर मिटने को तैयार बैठी है?
यात्रियों को एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले थर्मल जांच से गुजरना अनिवार्य होगा और उन्हें अपने सामान को सैनिटाइज करना होगा. सरकार ने 25 मई से चरणबद्ध तरीके से देश में विमान सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है.
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच देश में 25 मार्च से सभी व्यावसायिक यात्री उड़ानें निलंबित हैं.
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की ओर से कहा गया है कि चुनिंदा घरेलू हवाई मार्ग पर यात्रा के लिए चार मई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एक जून से उड़ानें उपलब्ध होंगी.