कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अपनी 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 31 दिसंबर 2022 तक सीबीआई की कुल स्वीकृत ताक़त 7,295 कर्मचारियों की थी, जिसके मुक़ाबले 5,600 अधिकारी पद पर थे और 1,695 पद ख़ाली थे. 31 दिसंबर 2020 तक सीबीआई में कर्मचारियों की कुल स्वीकृत संख्या 7,273 थी और उनमें से 1,374 पद ख़ाली थे.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका का विरोध करते हुए की, जिसमें सीबीआई पर राज्य की सहमति के बिना जांच शुरू करने का आरोप लगाया गया है. नवंबर 2018 में राज्य सरकार ने मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी.
सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में 1 मार्च 2023 तक 9,64,359 पद ख़ाली थे. तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय और भारत राष्ट्र समिति के सांसद नामा नागेश्वर राव ने इस संबंध में सवाल पूछा था.
डीओपीटी द्वारा इस महीने की शुरुआत में जारी अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) संशोधन नियम, 2023 को लेकर 94 पूर्व सिविल सेवकों के एक समूह ने कहा है कि ये नियम लोक सेवकों के लिए राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर राय व्यक्त करना नामुमकिन बना देंगे.
संशोधित नियमों के तहत केंद्र को गंभीर कदाचार या अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए पेंशनभोगी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अब राज्य सरकार से संदर्भ (रिफरेंस) का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, अब ख़ुफ़िया संगठन में काम कर चुके कर्मचारी के ख़िलाफ़ संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने वाली किताबें लिखने पर कार्रवाई हो सकती है.
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के 78 मंत्रालयों और विभागों में 9.79 लाख से अधिक रिक्तियां हैं, जिनमें से रेलवे में 2.93 लाख, रक्षा (सिविल) में 2.64 लाख और गृह मंत्रालय में 1.43 लाख पद ख़ाली हैं.
विशेष रिपोर्ट: अर्धसैनिक बलों के लगातार दो भर्ती चक्रों- 2015 और 2018 में केंद्र सरकार ने बिना कारण बताए हज़ारों सीटों को खाली छोड़ दिया. रिपोर्टर्स कलेक्टिव की पड़ताल में सामने आया है कि भर्ती की पेचीदा बनाई जा रही प्रक्रिया के कारण हर साल नौकरी के लिए पात्र हज़ारों युवाओं के सपने टूट रहे हैं.
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में वर्तमान में संयुक्त सचिव और सचिव का पद रखने वाले 322 अधिकारी हैं, जिनमें अनुसूचित जाति के 16, अनुसूचित जनजाति के 13, अन्य पिछड़ा वर्ग के 39 और सामान्य श्रेणी के 254 कर्मचारी हैं.
केंद्रीय सचिवालय सेवा के एक फोरम ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को लिखा है कि प्रधानमंत्री द्वारा 2023 के अंत तक केंद्र सरकार के लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने की घोषणा के बावजूद उनके यहां अनुभाग अधिकारियों के लगभग 45% पद ख़ाली पड़े हैं क्योंकि 2013 से कई अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया गया है.
केंद्रीय सचिवालय सेवा फ़ोरम के मीडिया सलाहकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुक़दमों का हवाला देते हुए पिछले छह वर्षों से केंद्रीय सचिवालय के कैडर में नियमित पदोन्नति रोक दी गई है. उन्होंने बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के उच्च अधिकारियों और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से नियमित अनुरोध के बावजूद वैध मांगों पर विचार नहीं किया गया है.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने हाल ही में आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत केंद्र सरकार यदि किसी राज्य सरकार से उसके कैडर का अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर मांगती है तो राज्य सरकार इस अनुरोध को ठुकरा नहीं सकती.
दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई अर्ज़ी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दिए गए आदेश के आधार पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति ख़ारिज करने की मांग की गई थी, जिससे अदालत ने इनकार कर दिया.
राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र ने तर्क दिया कि गुजरात-कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति में कोई हस्तक्षेप की कोई ज़रूरत नहीं है.
राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में दायर हलफ़नामे ने केंद्र ने दावा किया है कि अस्थाना की नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है और यह सभी नियम-क़ायदों को ध्यान में रखकर की गई है.
राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि पहले हाईकोर्ट इस पर फ़ैसला करे, उसके बाद वे निर्णय देंगे. इससे पहले केंद्र ने अस्थाना की नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस बहुत अलग तरीके से काम करती है.