कोर्ट के कार्यक्रमों के दौरान पूजा-अर्चना बंद करें, इसके बजाय संविधान के सामने झुकें: सुप्रीम कोर्ट जज

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम में कहा कि अदालत से संबंधित कार्यक्रमों में पूजा-अर्चना बंद कर दी जानी चाहिए और कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति के सामने झुककर धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

आज अगर लोहिया होते तो गैर-भाजपावाद का आह्वान करते

लोहिया ने नेहरू जैसे प्रधानमंत्री को यह कहकर निरुत्तर कर दिया था कि आम आदमी तीन आने रोज़ पर गुज़र करता है, जबकि प्रधानमंत्री पर रोज़ाना 25 हज़ार रुपये ख़र्च होते हैं.