रघुवीर सहाय ने बहुत पहले लिखा था इस देश में स्वाधीन दिमाग़ से लोग डरते हैं. वह अब नियम है.
देश के महाविद्यालयों, कॉलेजों में पढ़ाने का क्या एकमात्र रास्ता जुगाड़ रह गया है?
कुछ वक़्त पहले तक कहा जा रहा था कि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रवादी भावना का प्रसार करना है. उस दौर में परिसर में राष्ट्रध्वज लगाना और वीरता दीवार बनाना ज़रूरी था. अब राष्ट्रवाद का चोला उतार फेंका गया है और बिना संकोच के हिंदुत्व का प्रचार किया जा रहा है.
राहुल गांधी के डीयू के हॉस्टल जाकर छात्रों से मिलने के लिए उन्हें 'अव्यवस्था' का हवाला देते हुए नोटिस भेजा गया है. वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ ने अपने एक हॉस्टल की छात्राओं को इसलिए दंडित किया है कि वे नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' की 100वीं कड़ी के सामूहिक श्रवण आयोजन से अनुपस्थित रहीं.
दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म के छात्र-छात्राओं का आरोप है कि मोटी फीस वसूलने के बाद भी प्रशासन उन्हें बेहतर शिक्षा और संसाधन उपलब्ध कराने में असफल रहा है.