घटना पूर्वी चंपारण ज़िले के एक निजी आवासीय स्कूल की है. आरोप है कि 15 वर्षीय छात्र को बाज़ार में स्कूल के चेयरमैन ने धूम्रपान करते हुए पकड़ लिया था, जिससे आक्रोशित होकर वह उसे घसीटकर स्कूल लाए और अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर उसे बेल्ट से पीटा था.
बिहार के मोतीहारी ज़िले में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. रविवार को आठ लोगों की मौत को मिलाकर अब तक आंकड़ा 26 हो गया है. घटना के बाद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. अब तक इस सिलसिले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर के आखिरी दिनों की रिपोर्ट में बिहार के मोतिहारी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 402 था. यह स्थिति लगभग महीने भर से बनी हुई है. ऐसे शहर में, जहां उद्योग के नाम पर किसी ज़माने में रही चीनी मिल के भग्नावशेष ही दिखते हैं, प्रदूषण का यह स्तर गंभीर सवाल खड़े करता है.
मोतीहारी के आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की बीते वर्ष सितंबर माह में हत्या कर दी गई थी. पिता की हत्या की जांच में देरी के चलते उनके बेटे ने बीते माह कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. आरटीआई का समर्थन करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले की जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है.
मोतीहारी के आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की बीते वर्ष सितंबर में हत्या कर दी गई थी. उनके 14 वर्षीय बेटे की शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस इसे दुर्घटना बता रही है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पिता की हत्या की जांच में देरी के चलते रोहित ने आत्महत्या की है. अब पुलिस ने पिता के हत्या मामले की जांच सीआईडी को दे दी है.
पुलिस के अनुसार, मोतीहारी शहर के चरखा पार्क में महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष को चिह्नित करने के लिए स्थापित की गई प्रतिमा गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है. सोशल मीडिया पर सामने आईं ख़बरों में आरोप लगाए गए हैं कि रविवार रात को इलाके में धार्मिक नारे सुने गए थे, जिससे संकेत मिलता है कि इसमें मुख्यधारा से अलग दक्षिणपंथी समूहों की संलिप्तता हो सकती है.
बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले में शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अग्रवाल ने ज़िले में कथित रूप से अतिक्रमण की गई सरकारी ज़मीन और संपत्ति का ब्योरा मांगते हुए कई आरटीआई आवेदन दायर किए थे. विपिन अग्रवाल पर इससे पहले साल 2020 में उनके घर पर हमला किया गया था.
घटना पूर्वी चंपारण के कुंडवा चैनपुर की है, जहां 21 जनवरी को चार लोगों ने घर में अकेली 12 साल की बच्ची से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. वायरल हुए एक ऑडियो के आधार पर स्थानीय थाना प्रभारी द्वारा आरोपियों से सबूत मिटाने के लिए पीड़िता के शव को जलाने की बात कहने का दावा किया गया है.
बिहार में पूर्वी चंपारण ज़िले के जमुआ गांव का मामला. आरोप है कि समर्थकों ने इस दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़ की और जय श्री राम का नारा लगाते हुए मस्जिद का माइक और इसके गेट तोड़ दिए गए. पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम चंपारण ज़िले के लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव के सीमाई पांच टोले के पांच सौ से अधिक ग्रामीण गंडक नदी की बाढ़ और कटान से हुई व्यापक तबाही के बाद फिर से ज़िंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे हैं. अस्तित्व के संकट जूझ रहे इन टोलों में चुनावी कोलाहल की गूंज नहीं पहुंची है.
ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना वायरस का केंद्र बनकर उभर रहे बिहार के कई इलाके बाढ़ के ख़तरे से भी जूझ रहे हैं. उत्तर बिहार के लगभग सभी ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों की आबादी प्रभावित है. लेकिन पानी में डूबे गांव-घरों में जैसे-तैसे गुज़ारा कर रहे लोगों को मदद देना तो दूर, सरकार उनकी सुध ही नहीं ले रही है.
गोपालगंज को पूर्वी चंपारण ज़िले से जोड़ने वाले सत्तारघाट महासेतु का उद्घाटन बीते 16 जून को हुआ है. बिहार सरकार ने इस घटना को फेक न्यूज़ बताते हुए कहा है कि पुल सुरक्षित है. मुख्य पुल से दो किलोमीटर दूर एक सड़क क्षतिग्रस्त हुई है.
पूर्वी चंपारण ज़िले के मेहसी थाना क्षेत्र के एक युवक मोहम्मद इजराइल का आरोप है कि दो जून को पड़ोस के एक गांव में अपने दोस्त से मिलने जाने के दौरान एक समूह ने उन्हें रोककर जय श्री राम का नारा लगाने को कहा. ऐसा न करने पर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह मारपीट की गई. उनका कहना है कि हमलावर बजरंग दल से संबद्ध हैं.
घटना पूर्वी चंपारण ज़िले की है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साठ वर्षीय महिला के अचानक बेहोश हो जाने पर पांच घंटों तक लगातार फोन करने और अधिकारियों का चक्कर लगाने के बावजूद जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर उनके गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंची. कुछ घंटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया.
लॉकडाउन के समय काम न होने से निम्न आर्थिक वर्ग के लोगों के पास न पैसा है न ही कमाई का अन्य कोई साधन. बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के बासमनपुर पंचायत के मुसहर टोले का हाल भी यही है. यहां के रहवासियों का कहना है कि रोजी-रोटी नहीं है और अब भुखमरी जैसे हालात बन रहे हैं.