बीते दिसंबर महीने में उत्तराखंड में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उस घोषणा के बाद भारत और नेपाल के बीच सीमा का मुद्दा गर्मा गया है, जिसमें उन्होंने लिपुलेख क्षेत्र में सड़क विस्तार करने की बात कही थी. नेपाल लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता रहा है.