द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई भाजपा की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ दल की कुल आय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 2,361 करोड़ रुपये हो गई, जो 2021-22 में 1,917 करोड़ रुपये थी. वहीं, कांग्रेस की कुल आय 2021-22 के 541.27 करोड़ रुपये से घटकर 2022-23 में 452.37 करोड़ रुपये रह गईं.
2022-2023 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कुल 2,800.36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए. भाजपा की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि पार्टी को उस वर्ष बेचे गए चुनावी बॉन्ड्स की कुल राशि का 46% प्राप्त हुआ.
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निर्वाचन आयोग को सौंपी गई राजनीतिक दलों की व्यय रिपोर्ट बताती है कि इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर भाजपा ने 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च किए, जिनमें से सर्वाधिक 78.10 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर व्यय किए गए. कांग्रेस ने इस चुनाव पर कुल 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च करने की जानकारी दी है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत शाखाएं 6 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चुनावी बॉन्ड जारी कर सकती हैं. यह घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ हफ्ते पहले आई है.
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.
सुप्रीम कोर्ट 31 अक्टूबर को चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ चुनौतियों को सुनने वाला है. इससे पहले अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत से कहा कि सिर्फ इसलिए कि नागरिकों को उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास जानने का हक़ है, इसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये होने वाली फंडिंग की जानकारी तक नहीं बढ़ाया जा सकता.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख द्वारा दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि प्रथम स्तर की जांच (एफएलसी) पूरी होने से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम के सीरियल नंबर और निर्माताओं की जानकारी विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
कर्नाटक की चामराजनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार वी. सोमन्ना द्वारा जद (एस) प्रत्याशी मल्लिकार्जुन स्वामी को नामांकन वापस लेने के कथित प्रयासों का खुलासा सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ऑडियो क्लिप में हुआ. इसके बदले में सोमन्ना ने ‘धन और सरकारी वाहन’ की पेशकश की थी.
साल 2019 में केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी केई को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी ख़र्च का लेखा-जोखा दर्ज कराने में विफल रहने पर अयोग्य घोषित कर दिया है.
साल 2013 में लखनऊ के एक वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से उस याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा था, जिसमें कहा गया था कि उसे उन राजनीतिक दलों पर रोक लगानी चाहिए, जो जाति और धार्मिक आधार पर सभाएं करते हैं. नई दिल्ली: बीते महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में चुनाव आयोग ने गैर-चुनाव अवधि के दौरान अधिकार क्षेत्र की कमी और आदर्श आचार संहिता के बाहर
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में एक निजी विधेयक पेश किया है, जिसमें चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हो, जिसमें नेता विपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हों.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया है कि लगभग 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से, 55 से 56 करोड़ मतदाता स्वेच्छा से मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के लिए अपना आधार विवरण प्रदान कर चुके हैं.