2023 अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार हार्वर्ड प्रोफेसर क्लॉडिया गोल्डिन को महिलाओं की श्रम बाज़ार में स्थिति को लेकर किए उनके शोध को लेकर मिला है. उनकी रिसर्च दर्शाती है कि परिवार बनाने और नौकरी करने में कोई द्वंद्व नहीं है, बशर्ते समाज उसके लिए तैयार हो.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त किताबें जारी कीं, जिनमें वे हिस्से भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी द्वारा हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने ग़लत तरीके से किताबों से ज़रूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिससे उनका इतिहास और समाज को देखने का नज़रिया बदल जाएगा.
अप्रैल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था' के निर्माण के सपने की बात की थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही केंद्र सरकार ने गेहूं, कपास, चीनी और स्टील पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अभिजीत बनर्जी की सोच पूरी तरह से वामपंथी है और भारत के लोगों ने इसे पूरी तरह से नकार कर दिया है. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा था कि विदेशी महिला से दूसरी शादी करने वाले लोगों को अक्सर नोबेल पुरस्कार मिल जाता है.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी के बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि उनके राजनीतिक विचार वाम झुकाव वाले हैं, लोगों ने उनकी न्याय योजना को ख़ारिज कर दिया था. इससे पहले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने भी न्याय योजना को लेकर बनर्जी की आलोचना की थी.
एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी और कांग्रेस की न्याय योजना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि एक भारतीय को नोबेल पुरस्कार मिला, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि हमें उनकी कही हुई बात से सहमत होना चाहिए.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल जीतने वाले तीनों अर्थशात्रियों- अभिजीत बनर्जी, एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर का विचार है कि क्रमहीन नियंत्रित परीक्षण या रैंडमाइज़्ड कंट्रोल ट्रायल्स (आरसीटी) गरीबी कम करने के बेहतर उपायों की राह खोल सकते हैं. आरसीटी का इस्तेमाल मुख्य तौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में दवाइयों के असर का परीक्षण करने के लिए किया जाता था.
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत में एक बहस चल रही है कि कौन सा आंकड़ा सही है और सरकार का खासतौर से यह मानना है कि वो सभी आंकड़े गलत हैं, जो असुविधाजनक हैं.
स्वामी ने दावा किया कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही वित्त मंत्री अरुण जेटली अर्थशास्त्र जानते हैं, क्योंकि वे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हैं.
‘किसानों के छोटे क़र्ज़ से दिक्कत है, उन उद्योगपतियों से नहीं जो हज़ारों करोड़ का लोन डकार जाते हैं’
कृषि, रोज़गार और महंगाई समेत दूसरे आर्थिक मसलों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.