हिंदी में मेडिकल शिक्षा देने के निर्णय में भाषा संबंधी कई पहलुओं को नज़रअंदाज़ किया गया है

मध्य प्रदेश सरकार के मेडिकल शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में शुरू करने के निर्णय में ऐसा करने में सक्षम शिक्षकों, इसके लिए ज़रूरी किताबों, मेडिकल जर्नल और सम्मेलनों की उपलब्धता से जुड़े सवालों पर कोई जवाब नहीं है.

क्या हिंदी माध्यम के छात्रों को श्रेष्ठ ज्ञान का अधिकार नहीं है?

हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में पाखंड के अभ्यास के कारण ही हम मध्य प्रदेश की अधकचरी भाषा वाली मेडिकल किताबों का स्वागत करने को तैयार हैं क्योंकि हमें मालूम है कि इसका कोई असर हम पर नहीं पड़ेगा. जिन पर पड़ेगा उनसे हमारी कोई सहानुभूति है नहीं.