विपक्षी इंडिया गठबंधन दलों से जुड़े 16 छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए ‘यूनाइटेड स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया’ के गठन की घोषणा की. नेताओं ने कहा कि आरएसएस समर्थित सरकार का लक्ष्य न केवल शिक्षा प्रणाली को कमज़ोर और नष्ट करना है, बल्कि वह इसे एक सांप्रदायिक और विनाशकारी योजना में बदलना भी चाहती है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग मेडिकल कॉलेजों में ‘घोस्ट फैकल्टी’ को ख़त्म करने के प्रयासों के तहत फैकल्टी सदस्यों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के महत्व को दोहराया है. पिछले महीने आयोग के 246 कॉलेजों के एक मूल्यांकन में पता चला था कि सभी कॉलेजों में फैकल्टी 50 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा करने में विफल रहे हैं.
वीडियो: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अलवर ज़िले के रामगढ़ के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: मध्य प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र प्रदेश के सतना ज़िले की महिलाओं से वृद्धा पेंशन, आवास, शौचालय, सरकारी अस्पताल, पढ़ाई-लिखाई, बेरोज़गारी समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत.
मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर पड़ रहे हिंसा के कुप्रभाव को लेकर धरना दिया. छात्रों ने राज्य और केंद्र पर कुकी और ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है.
साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में शिक्षा जगत के बहुचर्चित व्यापमंं घोटाले का खुलासा करने वालों में से एक आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी दशक भर से जारी घोटाले की जांच पर कहते हैं कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकारें होने के चलते सीबीआई दबाव में काम कर रही है. जब कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई, तो उसने भी घोटाले की जांच का चुनावी वादा पूरा नहीं किया.
वीडियो: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और घोटालों की बात हो तो 'व्यापमं' का नाम सबसे ऊपर आता है. शिक्षा जगत के इस सबसे बड़े घोटाले की दशक भर से जारी जांच पर भी सवाल उठते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच व्यापमं घोटाले को सामने लाने वालों में शामिल आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी से बातचीत.
शिक्षाविदों और छात्र संगठनों ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने के बजाय केंद्र सरकार एनसीईआरटी के ज़रिये पौराणिक कथाओं और विज्ञान को मिलाकर ‘अपनी भगवा विचारधारा थोपने’ की कोशिश कर रही है. चंद्रयान-3 मिशन पर एनसीईआरटी द्वारा जारी एक रीडिंग मॉड्यूल में इसरो और वैज्ञानिकों के योगदान के बजाय प्रधानमंत्री का महिमामंडन किया गया है.
राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र रोशन वर्मा ने उत्तर प्रदेश के बलिया में अपने घर पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. वह छुट्टी पर घर आए थे. पिछले कुछ महीनों में कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
पश्चिम बंगाल स्थित आईआईटी खड़गपुर में तेलंगाना निवासी चौथे वर्ष के एक छात्र को अपने कमरे में मृत पाया गया. पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद कहा कि छात्र की मौत कथित तौर पर आत्महत्या से हुई है और इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है. छात्र के पिता ने बताया कि किसी प्रोजेक्ट के कारण छात्र उदास थे.
अंतरिक्ष विज्ञान विशेषज्ञों का कहना है कि चंद्रयान मिशन पर एनसीईआरटी द्वारा लाया गया रीडिंग मॉड्यूल इसरो और उसके वैज्ञानिकों के साथ अन्याय है, जो बरसों से हर विफलता से उबरे हैं.
अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित की जाएंगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त अवसर हो. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा.
राजस्थान की सीकर पुलिस ने बताया कि भरतपुर के नदबई का रहने वाला छात्र छह महीने पहले सीकर आया था और शहर के उद्योग नगर के एक छात्रावास में रह रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. बीते 4 सितंबर को नीट की ही तैयारी कर रहे करौली के एक 16 वर्षीय छात्र की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
गुजरात के अहमदाबाद शहर स्थित एक निजी स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के तहत हिंदू छात्रों को कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने के लिए कहे जाने के बाद हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल ने माफी मांगते हुए कहा है कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल छात्रों को विभिन्न धर्मों की प्रथाओं के बारे में जागरूक करना था.
भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा देशभर के स्कूलों में एक पाठ्यक्रम की मांग वाली याचिका को ख़ारिज करने की मांग करते हुए सीबीएसई ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल हलफनामे में कहा है कि समान बोर्ड या पाठ्यक्रम का आह्वान करते हुए स्थानीय संदर्भ, संस्कृति और भाषा को ध्यान में नहीं रखा गया है.