क्या मोदी सरकार की सांप्रदायिक राजनीति का शिकार हुईं एनसीईआरटी की किताबें?

वीडियो: एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव पर इतिहासकारों से लेकर राजनीतिक वैज्ञानिकों का मानना है कि यह भारत के विचार से उलट भाजपा के विचार के ज़्यादा क़रीब लगता है. इस तरह की काट-छांट से शिक्षा प्रणाली से लेकर लोकतंत्र पर क्या असर पड़ता है?

बाबासाहेब की मूर्तियों से मोह और विचारों से द्रोह का सिलसिला कहां ले जाएगा?

आज बाबासाहेब की शिक्षा, संदेश व विचारों के बजाय मूर्तियां अहम हो चली हैं. ये मूर्तियां चीख सकतीं तो उन पर तो ज़रूर चीखतीं, जो बाबासाहेब की जयंती व निर्वाण दिवस पर साल में दो दिन उन पर फूलमाला अर्पित कर उनकी विरासत के प्रति अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेते हैं.

विपक्षी दलों ने एनसीईआरटी की किताब से मौलाना आज़ाद का संदर्भ हटाने की निंदा की

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कक्षा 11वीं की किताब से भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के सभी संदर्भों को भी हटा दिया है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इतिहास को फिर से लिखने और झूठ और असत्य पर बनी मनगढ़ंत, विकृत विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है.

एनसीईआरटी ने 11वीं की किताब से जम्मू कश्मीर के विलय की शर्त और मौलाना आज़ाद के संदर्भ हटाए

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी ) ने कक्षा 11वीं की राजनीति विज्ञान की नई किताब से जम्मू कश्मीर के भारत में विलय से जुड़ी वह शर्त हटा दी है, जिसमें इसे स्वायत्त बनाए रखने की बात कही गई थी. इससे पहले एनसीईआरटी इतिहास की किताब से मुग़ल, गुजरात दंगों और महात्मा गांधी पर कुछ संदर्भ हटा चुका है.

वेद और पुराण जानने पर छात्रों को क्रेडिट दिए जाएंगे: यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क पर अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी की है, जिसमें वेदों और पुराणों सहित भारतीय ज्ञान प्रणाली के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञता रखने पर छात्रों को क्रेडिट दिया जाएगा. यह कक्षा 5 से पीएचडी स्तर तक सीखने के घंटों के आधार पर सौंपे गए क्रेडिट को कवर करेगा. 

इतिहास को लेकर सांप्रदायिक दृष्टिकोण प्रगतिशील समाज के विचार के विपरीत: हिस्ट्री कांग्रेस

इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस ने एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी से संबंधित सामग्री समेत कई अन्य अंश हटाए जाने को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि जो शिक्षाविद तार्किक वैज्ञानिक ज्ञान का महत्व समझते हैं, उन्हें यह ग़लत और अस्वीकार्य लगेगा.

इतिहास उन्हें क्यों आतंकित करता है?

अमेरिका हो या भारत, पाठ्यपुस्तकों को बैन करने, उन्हें संशोधित करने या उन्हें चुनौती देने की प्रक्रिया स्वतःस्फूर्त नहीं होती. इसके पीछे रूढ़िवादी, संकीर्ण नज़रिया रखने वाले संगठन; समुदाय या आस्था के आधार पर एक दूसरे को दुश्मन साबित करने वाली तंज़ीमें साफ़ दिखती हैं.

250 के क़रीब इतिहासकारों ने एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यपुस्तकों से सामग्री हटाने की आलोचना की

एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी से संबंधित सामग्री समेत कई अन्य अंश हटाए जाने के विरोध में जारी बयान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने कहा है कि चुनिंदा तरह से सामग्री हटाना शैक्षणिक सरोकारों पर विभाजनकारी राजनीति को तरजीह दिए जाने को दिखाता है.

उत्तराखंड: पाठ्यपुस्तक में माता-पिता के लिए उर्दू शब्दों के इस्तेमाल पर जांच के आदेश

देहरादून के डीएम के समक्ष दूसरी कक्षा के एक छात्र के अभिभावकों ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके बेटे ने स्कूल की एक किताब में माता-पिता के लिए उर्दू शब्द पढ़ने के बाद उन्हें 'अम्मी और अब्बू' कहा. उन्होंने किताब में इन शब्दों के इस्तेमाल को 'धार्मिक आस्था पर हमला' बताते हुए किताब बैन करने की मांग की है.

महात्मा गांधी की पहचान और विरासत ने भाजपा-आरएसएस को हमेशा परेशान किया है: तुषार गांधी

एनसीईआरटी ने महात्मा गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस पर 1948 में लगे प्रतिबंध से संबंधित सामग्री को कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की किताबों से हटा दिया है. इस पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा कि किताबों से ऐसी सामग्री हटाए जाने से ‘संघ परिवार के ग़लत सूचना के अभियान’ को अधिक स्वीकृति मिलेगी.

पाठ्यपुस्तकों से हटाई गई गांधी, आरएसएस संबंधी सामग्री के बारे में न बताना ‘चूक’: एनसीईआरटी

एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों से महात्मा गांधी और आरएसएस संबंधी टेक्स्ट हटाए जाने की बात को पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों की आधिकारिक सूची में न रखने की ख़बर सामने आने के बाद एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा है कि ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया. इसका राई का पहाड़ नहीं बनाया जाना चाहिए.

मुग़लों का इतिहास न पढ़ाने के फैसले के पीछे कौन-सी समझदारी है?

मुग़लों का इतिहास तो पढ़ाए न जाने के बावजूद इतिहास ही रहेगा- न बदलेगा, न मिटेगा. लेकिन छात्र उससे वाक़िफ़ नहीं हो पाएंगे और उनका इतिहास ज्ञान अधूरा व कच्चा रह जाएगा. 

सीबीएसई और यूपी बोर्ड में 12वीं की इतिहास की किताबों से मुग़ल संबंधी अध्याय हटाए गए

स्कूली शिक्षा पर केंद्र और राज्य की शीर्ष सलाहकार संस्था एनसीईआरटी ने इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है और सीबीएसई की 12वीं कक्षा की मध्यकालीन इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से ‘किंग्स एंड क्रॉनिकल्स’ और ‘द मुग़ल कोर्ट्स’ पर आधारित अध्यायों को हटा दिया है.

गांधी जी के लिए डिग्रियां बेमानी थीं, लेकिन उन्होंने इन्हें ईमानदार तरीके से हासिल किया था

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के महात्मा गांधी की शिक्षा के बारे में किए गए दावे के उलट उन्होंने लॉ की डिग्री के साथ-साथ फ्रेंच और लैटिन में डिप्लोमा भी किया था. इसके बाद उन्होंने लंदन के इनर टेंपल के बार में प्रवेश के लिए आवेदन भी किया था.  

उत्तर प्रदेश में ‘रामचरितमानस’ का पाठ सरकारी दायित्वों का हिस्सा हो सकता है

बीते दिनों सोनभद्र के ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने ब्लॉक में तीन शिक्षकों का चयन करें और 28 एवं 29 मार्च को प्रमुख मंदिरों में उनके द्वारा ‘रामचरितमानस’ का अखंड पाठ करना सुनिश्चित करें.

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