चुनावी बातें: नेताओं की बदज़ुबानी के लिए उन्हें सबक सिखाने में मतदाताओं की उदासीनता भी ज़िम्मेदार है, लेकिन एक वो समय था जब 1962 में उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट के मतदाताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे वाकपटु नेता की अभद्र टिप्पणी के चलते उनकी जीती हुई बाज़ी पलटकर हार का मज़ा चखा दिया था.
चुनाव आयोग को पारदर्शिता के हक़ में कदम में उठाते हुए मौजूदा व्यवस्था की तुलना में बूथों के ज्यादा बड़े सैंपल के वीवीपैट सत्यापन की मांग को स्वीकारना चाहिए.
रेलवे के पेपर टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था वहीं एयर इंडिया ने मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की तस्वीर वाले बोर्डिंग पास जारी किए थे. चुनाव आयोग ने दोनों मंत्रालयों से आज जवाब देने को कहा है.
काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री द्वारा पेपर कप की तस्वीर के साथ किया गया ट्वीट वायरल होने पर रेलवे ने कहा कि उसने कप हटा लिए हैं और ठेकेदार को दंडित किया है. हाल ही में रेलवे और एयर इंडिया ने अपने टिकट और बोर्डिंग पास पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित की थी.
27 मार्च को प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बारे में राजनीतिक दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को सूचित किया गया था और न ही अनुमति मांगी गई थी.
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व क़ानून, 1951 में संशोधन करके धारा 58बी शामिल करने की मांग की थी, ताकि राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को रिश्वत देने पर चुनाव को स्थगित या रद्द किया जा सके. लेकिन केंद्र सरकार ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया.
चुनाव आयोग ने सख़्त लहजे में कहा है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है. खत लिखकर जवाब मांगा है कि क्यों आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर रेल टिकटों तथा एयर इंडिया के बोर्डिंग पास से नहीं हटाई गई.
चुनाव समिति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार नौकरशाह हैं और उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए जिससे भाजपा को लाभ होता दिखे.
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से ठीक पहले केंद्र सरकार ने भाजपा को इसके मुख्यालय के लिए अतिरिक्त 2 एकड़ ज़मीन देने के तीन साल पुराने प्रस्ताव को मंज़ूरी दी.
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए घोषणापत्र जारी करने की समयसीमा निर्धारित कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मतदान से पहले और प्रचार थमने के बाद चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं होंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर तब जब धन का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.
चुनाव आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के लिए स्पष्ट नियमों की ज़रूरत है और हम सभी उपायों का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हों.