हैदराबाद पुलिस ने शहर में बिजली कटौती की शिकायत करने वाली एक महिला को बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर धमकाने की पोस्ट लिखने को लेकर एक स्वतंत्र पत्रकार पर मामला दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ये मज़दूर बिजली के खंभों को हटा रहे थे, तभी बिजली विभाग द्वारा बंद की गई आपूर्ति बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने शटडाउन के बावजूद बिजली आपूर्ति फिर से शुरू होने की जांच करने और ज़िम्मेदार व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
वीडियो: 16 मार्च की रात से उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र के कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. राज्य सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल अब ख़त्म कर दी गई है, लेकिन इसके चलते राज्य में सामान्य जनजीवन ख़ासा प्रभावित हुआ था.
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि मृतकों की सूची में कम से कम तीन मुख्य अभियंता और उत्तर प्रदेश के नौ अधीक्षण अभियंताओं सहित दो दर्जन से ज़्यादा अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. संगठन ने सरकार से प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शिविर लगाने और उन्हें अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी मानने की अपनी की है.
छतरपुर ज़िले के 35 वर्षीय मुनेंद्र द्वारा बिजली का बिल भुगतान न करने पर विभाग ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल ज़ब्त कर ली थी. मुनेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनके अंग बेचकर शासन का कर्ज़ चुक सके.
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी ज़िले की चायल सीट से भाजपा विधायक संजय कुमार गुप्ता ने बिजली विभाग पर हिंदुओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.