उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ये मज़दूर बिजली के खंभों को हटा रहे थे, तभी बिजली विभाग द्वारा बंद की गई आपूर्ति बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने शटडाउन के बावजूद बिजली आपूर्ति फिर से शुरू होने की जांच करने और ज़िम्मेदार व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहायक कंपनियां अदालती आदेशों के ज़रिये उन दस्तावेज़ों को जारी होने से रोक रही हैं जिनसे अडानी समूह द्वारा भारत में कोयला आयात का अधिक मूल्य लगाने, जिसके चलते उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ी है, की बात सामने आती है.
लगभग 20,000 की आबादी और 60 किलोमीटर के दायरे में फैले झारखंड के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र को पिछले साल ही माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. गांव, परिवार और व्यक्तिगत स्तर पर किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर तैयार की गई एक सरकारी रिपोर्ट में क्षेत्र के निवासियों की दुर्दशा सामने आई है.
देश के विभिन्न हिस्सों से स्मार्ट मीटर के विरोध की ख़बरें आ रही हैं. तकनीक के विरोध के पीछे अज्ञानता भी हो सकती है मगर इसी के नाम पर कई बार खेल भी होता है. उपभोक्ता को नहीं पता कि स्मार्ट मीटर के पीछे कौन है, किसकी कंपनी है, इसकी प्रमाणिकता क्या है और क्यों केंद्र इसे लगाने के लिए राज्यों पर शर्तें थोप रहा है.
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी एक सर्कुलर में बिजली चोरी पर किसानों के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक कर दी गई थी, जबकि पहले यह 2,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच थी.
वीडियो: 16 मार्च की रात से उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र के कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. राज्य सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल अब ख़त्म कर दी गई है, लेकिन इसके चलते राज्य में सामान्य जनजीवन ख़ासा प्रभावित हुआ था.
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा एक शिकायत में कहा गया था कि शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंध समिति में अनाधिकृत रूप से बिजली चोरी की जा रही है. इस पर मथुरा ज़िला प्रशासन और पुलिस के साथ विद्युत प्रवर्तन दल की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ईदगाह परिसर में ‘अवैध’ कनेक्शन काट दिया और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत एफ़आईआर दर्ज करवाई है. लखनऊ: मथुरा में रविवार को शाही ईदगाह मस्जिद में ‘अवैध’ बिजली
भारतीय मध्यवर्ग अक्सर ग़रीबों को दी जाने वाली मुफ़्त सुविधाओं/कल्याणकारी योजनाओं की आलोचना करता है, लेकिन मुफ़्त सुविधा या फ्रीबी और कल्याणकारी योजनाओं के बीच अंतर तब जटिल हो जाता है जब राजनीतिक दल अपने-अपने हित के हिसाब से व्याख्याएं पेश करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मुफ़्त की रेवड़ी' वाले बयान के बाद जहां हर तरह के अर्थशास्त्री सब्सिडी के गुण-दोषों की जटिल बारीकियों को समझने के लिए मजबूर हो गए हैं, वहीं मोदी के लिए इस मुद्दे को खड़ा कर पाना ही उनकी कामयाबी है.
तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने सुप्रीम कोर्ट में दर्ज 'मुफ्त सुविधाओं' (फ्रीबीज़) से संबंधित याचिका में पक्षकार बनने का आग्रह करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों में अडानी समूह के 72,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ माफ़ करने की बात कही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने लोगों को वोट के लिए मुफ़्त उपहार देने को 'रेवड़ी संस्कृति' क़रार देते हुए कहा था कि यह देश के विकास के लिए बहुत ख़तरनाक है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा है कि आम नागरिकों को मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली देने में ग़लत क्या है?
सोमवार को विपक्ष के विरोध के बीच बिजली संशोधन विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश किया गया. वहीं, देश भर में बिजली कर्मचारियों ने विधेयक के विरोध में काम का बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारी महासंघ का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की दृष्टि से विधेयक को अलोकतांत्रिक तरीके से पेश किया गया है.
देश में जारी बिजली संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोयले की कमी की बात कही तो केंद्र ने पर्याप्त आपूर्ति का आश्वासन दिया. कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन ने कहा है कि बिजली संयंत्रों के पास कोयले का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करना कोल इंडिया की प्राथमिकता है. उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले में कटौती से परेशान लोगों द्वारा बिजली कर्मचारियों की पिटाई करने का मामला सामने आया है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर मार्च 2022 में 4.3 प्रतिशत रही. इसके एक महीने पहले फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि दर छह प्रतिशत रही थी.
जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के अमृतसर शहर में किसानों ने बिजली की किल्लत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने कहा है कि आग बरसाती गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती. प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम!