सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ कर ज़मानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की वजह से जेल में उनके कोरोना संक्रमित होने का जोख़िम है, क्योंकि जेल में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आ चुका है.
जिन लोगों को समन जारी किया गया है उनमें निहाल सिंह राठौड़, विप्लव तेलतुम्बड़े और एक अन्य वकील शामिल हैं. राठौड़ इस मामले में कई आरोपियों के केस लड़ रहे हैं, वहीं विप्लव तेलतुम्बड़े जाने-माने दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के संबंधी हैं.
एनआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रेम कुमार विजयन और राकेश रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले 28 जुलाई को एजेंसी ने इस मामले में डीयू के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को गिरफ़्तार किया था.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को अदालत ने चार अगस्त को सात दिनों की हिरासत में भेजा था. एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि उनके ईमेल और सोशल मीडिया की पड़ताल करने की ज़रूरत है.
इस मामले में एनआईए ने 28 जुलाई को रोवेना के पति और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को गिरफ़्तार किया है. सितंबर 2019 में उनके नोएडा स्थित घर पर पुणे पुलिस द्वारा छापेमारी की गई थी.
28 जुलाई को गिरफ़्तार किए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के 54 वर्षीय प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को एनआईए में मुंबई की विशेष अदालत में पेश करते हुए दस दिन की हिरासत की मांग की थी.
भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू की गिरफ़्तारी के बाद लेखक अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार की आलोचना की हैं, वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि इस मामले में हुई घटिया जांच का एकमात्र निशाना वे कार्यकर्ता और स्कॉलर हैं जिन्होंने सत्तारूढ़ दल की नीतियों और सांप्रदायिकता पर सवाल उठाए हैं.
एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ़्तार होने वाले बारहवें शख़्स हैं. इससे पहले इस मामले के संबंध में पुणे पुलिस ने सितंबर 2019 में उनके नोएडा स्थित घर पर छापेमारी की थी.
लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े ने यह कहते हुए ज़मानत मांगी थी कि वे 90 से अधिक दिनों से हिरासत में हैं लेकिन उनके ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है. अदालत ने इसे ख़ारिज कर दिया.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में 2018 से जेल में बंद 81 साल के वरवरा राव के परिजनों ने बीते सप्ताह उनकी सेहत के बारे में चिंता जताते हुए जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ़्तार गौतम नवलखा ने यह कहते हुए ज़मानत याचिका दायर की थी कि वे 90 से अधिक दिनों से हिरासत में हैं लेकिन उनके ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है. हालांकि अदालत ने इसे ख़ारिज कर दिया.
एनआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को एल्गार परिषद मामले में मुंबई आकर गवाही देने के लिए कहा है. प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वे अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और यात्रा नहीं करना चाहते हैं.
भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा दिल्ली से मुंबई ले जाने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए को दस्तावेज़ पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. शीर्ष अदालत ने एनआईए के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की टिप्पणी को भी रिकॉर्ड से हटा दिया है.
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता शोमा सेन ने अदालत में अंतरिम जमानत याचिका दायर करते हुए कहा था कि वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं और इस वजह से उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा अधिक है.
जेल में बंद वरवरा राव शुक्रवार शाम बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. महामारी के दौर में भी अदालत ने उन्हें वे रियायत देने की ज़रूरत नहीं समझी है, जो अन्य बुज़ुर्ग क़ैदियों को दी जाती हैं.