मृतक मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की छात्रा थी. पुलिस ने बताया कि अपने सुसाइड नोट में छात्रा ने कहा है कि उसने 12वीं तक हिंदी मीडियम के पढ़ाई की थी और इसके कारण इंजीनियरिंग कॉलेज में दाख़िला लेने के बाद कई बार उसका मज़ाक उड़ाया गया था.
आरोप है कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र फ़ैज़ रशीद ने आतंकवादी हमले का जश्न मनाते हुए सेना का मज़ाक उड़ाया था और विभिन्न मीडिया संस्थानों की पोस्ट पर 23 टिप्पणियां की थीं. अदालत ने रशीद को आईपीसी की धारा धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत भी दोषी पाया.