द वायर के रघु कर्नाड को मिला प्रतिष्ठित विंडहम-कैंपबेल पुरस्कार

साहित्य के क्षेत्र में येल यूनिवर्सिटी द्वारा दिया जाने वाला यह पुरस्कार रघु कर्नाड को उनकी किताब फारदेस्ट फील्ड: एन इंडियन स्टोरी ऑफ द सेकेंड वर्ल्ड वॉर के लिए मिला है.

सभ्यताएं भले ही चांद पर चली गईं हों, औरतों का कोई देश नहीं

पुस्तक समीक्षा: अपनी किताब ‘नो नेशन फॉर वीमेन’ में प्रियंका दुबे इस बात की पड़ताल करती हैं कि कैसे भारत में महामारी की तरह फैले बलात्कार का कारण हवस कम, पितृसत्ता ज़्यादा है. कैसे औरत को ‘उसकी जगह’ दिखाने के लिए बलात्कार का सहारा लिया जाता है.