जोशीमठ: इमारतें ढहाए जाने के बीच सीएम बोले- शहर के 65-70% लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ की स्थिति को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है और देश के दूसरे हिस्सों में बैठे लोगों को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में 65-70 फीसदी लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. पड़ोसी पर्यटन स्थल औली में भी सब कुछ सामान्य है. पर्यटक अभी भी औली आ रहे हैं.

जोशीमठ बचाओ समिति ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, पुनर्वास कार्य अपने हाथ में लेने की अपील

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों में जरूरी ‘तत्परता और तेजी’ नहीं होने का आरोप लगाया है. इस बीच शीर्ष अदालत भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि राज्य का हाईकोर्ट इससे जुड़े विस्तृत मामलों की सुनवाई कर रहा है, इसलिए सैद्धांतिक रूप से उसे ही इस मामले पर सुनवाई करनी चाहिए.

बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी ने हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले निर्माण रोकने का आग्रह किया

उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसने पर चिंता व्यक्त करते हुए बद्रीनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने कहा कि न केवल एनटीपीसी परियोजना, बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली सभी परियोजनाओं को रोका जाना चाहिए. हिमालय क्षेत्र एक संवेदनशील क्षेत्र है. इस पवित्र भूमि की रक्षा की जानी चाहिए.

जोशीमठ: सरकार ने संस्थानों के मीडिया से बातचीत पर रोक लगाई; इसरो ने धंसाव संबंधी रिपोर्ट वापस ली

उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दर्जन भर सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को पत्र लिखकर कहा है कि वे जोशीमठ में भू-धंसाव के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा न करें. इसके बाद ज़मीन धंसने के संबंध में भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी एक रिपोर्ट को वेबसाइट से हटा दिया गया है.

आईसीएआर ने अपने वर्तमान और पूर्व अधिकारियों को जीएम सरसों पर विचार रखने से रोका

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सेवारत और पूर्व अधिकारियों को एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे जीएम सरसों की पर्यावरणीय मंज़ूरी के संबंध में कोई भी राय व्यक्त न करें, न लेख लिखें. इस क़दम की आलोचना करते हुए पर्यावरणविदों, कृषि विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जीएम सरसों के संबंध में छिपाने के लिए काफी कुछ है.

झारखंड के मुख्यमंत्री ने मोदी को लिखा पत्र, नए वन नियमों पर जताई आपत्ति

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र के वन संरक्षण नियम 2022 स्थानीय ग्रामसभा की शक्तियों को कमज़ोर करते हैं और वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों को छीनते हैं. पत्र में रेखांकित किया गया है कि नियमों ने ग़ैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए वन भूमि का उपयोग करने से पहले ग्रामसभा की पूर्व सहमति प्राप्त करने की अनिवार्य आवश्यकताओं को समाप्त कर दिया है.

उत्तराखंड: नैनीताल के निकट पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर एनजीटी ने मुख्य सचिव को नोटिस भेजा

एनजीटी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि नैनीताल शहर से सटे लुप्तप्राय प्रजातियों के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है, जिससे वन क्षेत्र को बहुत नुकसान हो रहा है. साथ ही, वनों की कटाई से नैनी झील के जलग्रहण क्षेत्र को नुकसान हो रहा है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सूखाताल में सौंदर्यीकरण एवं निर्माण कार्यों पर रोक लगाई

सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने अदालत को बताया कि जल-वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि नैनीताल स्थित सूखाताल झील, नैनी झील को 40 से 50 प्रतिशत तक रिचार्ज (पानी की पूर्ति) करती है. झील के आधार पर कंक्रीट बिछाया जा रहा है, जो दोनों झीलों के लिए ख़तरनाक है.

उत्तराखंड के पर्यावरणीय ख़तरे समूचे हिमालय के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं

उत्तराखंड में हाल ही में घटी लगातार आपदाएं हिमालयी जनजीवन के अस्तित्व पर आगामी सदियों के ख़तरों की आहट दे रही हैं. सरकार व नौकरशाही के कामचलाऊ रुख़ से जलवायु परिवर्तन समेत मानव निर्मित गंभीर विषम स्थितियों का सामना करना दुष्कर हो चला है.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर ठोस कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए 900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के तीन लैंडफिल स्थल ग़ाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला में क़रीब 80 फीसदी कचरा पुराना है और इसका अब तक निपटान नहीं किया गया है. नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और संबंधित अधिकारी पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय करने में नाकाम रहे हैं.

उत्तराखंड: कार्बेट रिज़र्व में टाइगर सफारी के लिए अवैध तौर पर छह हज़ार से अधिक पेड़ काटे गए

उत्तराखंड सरकार द्वारा कार्बेट टाइगर रिज़र्व में प्रस्तावित टाइगर सफारी परियोजना के लिए 163 पेड़ काटे जाने की अनुमति थी, लेकिन भारतीय वन सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट बताती है कि काटे गए पेड़ों की संख्या 6,000 से अधिक है.

मीट विज्ञापनों पर रोक की मांग पर कोर्ट ने पूछा- अन्य लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण क्यों चाहिए

तीन धार्मिक परमार्थ न्यासों और मुंबई के एक जैन शख़्स ने एक याचिका में मांसाहारी पदार्थों के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग करते हुए दावा किया था कि उनके बच्चों और परिजनों को इस तरह के विज्ञापन देखने के लिए बाध्य किया जा रहा है. कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.

पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के लिए एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 3,000 करोड़ का जुर्माना लगाया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने राजस्थान सरकार को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को तरल कचरे के अपर्याप्त प्रबंधन के लिए सौ करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.

अपशिष्ट प्रबंधन में ख़ामी के लिए 12,000 करोड़ रुपये मुआवज़ा दे महाराष्ट्र सरकार: एनजीटी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अपशिष्ट प्रबंधन में कमियों के कारण पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार को मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए कहा है कि यदि उल्लंघन जारी रहा तो राज्य के ख़िलाफ़ अतिरिक्त हर्जाना लगाने पर विचार किया जा सकता है.

देश को बांटना बंद करें, विभाजनकारी गतिविधियों पर रोक का प्रयास करे सरकार: गोदरेज अध्यक्ष

गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर इसे एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.’

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