चक्रवातीय तूफान ‘गज’ तमिलनाडु पहुंचा, 11 लोगों की मौत

तमिलनाडु के निचले इलाकों से तकरीबन 80 हज़ार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. कडलूर, नागपट्टिनम, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, तिरूवरूर, तंजावुर में स्थापित 471 राहत शिविरों में फिलहाल 81,948 लोग रह रहे हैं.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर, दिन में निर्माण कार्यों को मंज़ूरी

सुबह हुई हल्की बारिश पर वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ने कहा कि यह वायु प्रदूषण को ओर बिगाड़ देती है. मामूली बारिश से हवा में बहुत ज़्यादा नमी पैदा होती है और हवा भारी होकर अधिक हानिकारक कणों को जकड़े रहती है.

किसी दिन ये नेता सुप्रीम कोर्ट से कह देंगे कि जनादेश हमारे पास है, फैसला हम करेंगे

सरकार के पास अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने का ढांचा और इरादा नहीं है तो फिर सुप्रीम कोर्ट को ही सरकार से पूछ लेना चाहिए कि हम आदेश देना चाहते हैं पहले आप बता दें कि आप लागू करा पाएंगे या नहीं.

हम भी भारत, एपिसोड 52: आख़िर साफ हवा और साफ पानी के बुनियादी अधिकारों के लिए कब लड़ेंगे हम?

हम भी भारत की 52वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी प्रदूषण की बढ़ती समस्या पर बिज़नेस स्टैंडर्ड के सीनियर एसोसिएट एडिटर नितिन सेठी और किसान नेता रमनदीप सिंह मान से चर्चा कर रही हैं.

3,867 करोड़ रुपये ख़र्च करने के बावजूद मोदी सरकार में और दूषित हुई गंगा: आरटीआई

द वायर ए​क्सक्लूसिव: सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ के बावजूद गंगा की सेहत सुधरने के बजाय और ख़राब हुई है.

गिर शेरों की मौत: सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले ही शेरों को शिफ्ट करने के लिए कहा था

गुजरात द्वारा उठाई गईं आपत्तियों और पर्यावरण मंत्रालय व मध्य प्रदेश वन विभाग के पीछे हटने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को लागू नहीं किया जा सका. मध्य प्रदेश में शेरों को लाने के लिए हुआ प्रदर्शन.

गिर में तीन हफ़्तों में 23 शेरों की मौत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ध्यान दे केंद्र सरकार

गुजरात के गिर अभयारण्य में बीते 3 हफ़्तों में 23 शेरों की मौत हो चुकी है. गुजरात सरकार का कहना है कि इसके लिए कैनाइन डिस्टेम्पर वायरस और प्रोटोजोआ का संक्रमण ज़िम्मेदार है.

संपादकीय: गुजराती अस्मिता और गिर के शेर

गुजरात ने शेरों के संरक्षण पर काफ़ी मेहनत की है, लेकिन यह भी दिखता है कि उनके प्रयास केवल 'गुजरात के शेरों तक सीमित है, जबकि आवश्यकता एक राष्ट्रीय नज़रिये की है.

दिल्ली के पुनर्विकास के लिए मिली पर्यावरणीय अनुमतियां कई सवाल खड़े करती हैं

परियोजना को मिली स्वीकृतियां स्पष्ट दिखाती हैं कि इसके लिए गुड गवर्नेंस के कई सिद्धांतों से समझौता किया गया है.

केंद्र ने पर्यावरण पर गाडगिल कमेटी रिपोर्ट की जानकारी देने से मना किया था: पूर्व सूचना आयुक्त

पर्यावरणविद माधव गाडगिल ने 2011 में सौंपी एक रिपोर्ट में केरल में बाढ़ की आशंका जताई थी. पूर्व सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने बताया कि इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने देश के आर्थिक हितों पर प्रभाव का हवाला देते हुए आरटीआई के तहत सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था.

दिल्ली के पूर्वी किदवई नगर के पुनर्विकास का ख़ामियाज़ा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है

आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की पूर्वी किदवई नगर पुनर्विकास परियोजना के ख़िलाफ़ आस-पास के रहवासियों ने आवाज़ तो उठाई, लेकिन अब उन्हें बड़े पैमाने पर चल रही इस परियोजना से उपजी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली में हरे पेड़ों की कटाई का हल नए पौधे लगाना नहीं है

हरे पेड़ों को काटने के एवज में नए पेड़ लगाना ऐसी एजेंसियों का पसंदीदा हथियार है, जो समाज और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान की कीमत पर भी विकास को बढ़ावा देना चाहती हैं. उनका मानना है कि पारिस्थितिकी बदलना शहरी विकास के वर्तमान तरीकों को बदलने से ज़्यादा आसान है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, ताजमहल की ख़ूबसूरती को बहाल करो या फिर इसे गिरा दो

पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच तुलना करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज़्यादा ख़ूबसूरत है, लेकिन भारत वहां के ताजमहल के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.

क्या दिल्ली एक आवासीय परिसर के लिए हज़ारों पेड़ों की कटाई झेल सकती है: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने लगभग 17 हज़ार पेड़ों की कटाई पर चार जुलाई तक रोक लगाई. दक्षिण दिल्ली की छह कालोनियों- सरोजनी नगर, नौरोज़ी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर के पुनर्विकास के लिए काटे जाने हैं पेड़.

महाराष्ट्र के कई गांवों में विश्व की ‘सबसे बड़ी रिफाइनरी परियोजना’ का विरोध क्यों हो रहा है

महाराष्ट्र सरकार के अनुसार कोंकण की 720 किलोमीटर लंबी तट रेखा एक विशालकाय रिफाइनरी के लिए आदर्श जगह है. 15,000 एकड़ के क्षेत्र में प्रस्तावित इस रिफाइनरी पर काम शुरू होने की स्थिति में 17 गांवों के किसानों और मछुआरों का विस्थापन तय है.

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