मलेरिया से निपटने के लिए जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छरों का प्रयोग कितना सही है?

कोविड-19 महामारी के बीच भारत के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में तेज़ी देखी गई. आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी में आज आनुवंशिक संशोधन भी शामिल है. जीएम कीड़ों को बढ़ावा देने की मुख्य प्रेरणा उन प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करना है, जो संक्रामक रोगजनकों को ट्रांसमिट करते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों के एक वर्ग के अनुसार, यह जोखिम के बिना नहीं आता है.