यह घटना 24 जनवरी सुबह दक्षिण मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर हुई. असम राइफल्स ने एक बयान में कहा है कि घटना में घायल सभी छह जवान ग़ैर-मणिपुरी हैं. उन्हें इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बयान में कहा गया गोलीबारी की इस घटना का राज्य की जातीय हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
पूर्वोत्तर राज्यों के मामलों की सुनवाई करने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार ने कहा कि मणिपुर हिंसा में एक विशेष तारीख तक 180 लोग मारे गए थे, लेकिन 93 लोगों को ही 10 लाख रुपये का मुआवज़ा मिला है. चार सप्ताह के भीतर सरकार सभी को मुआवज़ा जारी करे.
ब्रिटेन के टेबलॉयड ‘डेली मेल’ ने एक रिपोर्ट में बताया है कि अगस्त 2022 में लेस्टर शहर में भड़के दंगों में ब्रिटिश हिंदुओं को मुस्लिम युवाओं से उलझने के लिए उकसाने का संदेह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के क़रीबी तत्वों पर है. उस समय मुसलमानों और उनके घरों पर हमलों के साथ-साथ हिंदू मंदिरों और घरों पर हमले और तोड़फोड़ की ख़बरें आई थीं.