मणिपुर (बाहरी) से पहली बार सांसद बने कांग्रेस के अल्फ्रेड कान-नगाम आर्थर ने संसद में केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मणिपुर में पिछले 15 महीनों से 60,000 से अधिक लोग भयानक परिस्थितियों में राहत शिविरों में रह रहे हैं. क्या आप उन महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुन सकते जो अपने घर वापस नहीं जा सकते?
पुलिस ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने 24 जुलाई रात को मणिपुर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (सीएएफ और पीडी) के निदेशक के आवास पर गोलीबारी की. इससे पहले राज्य में हुई हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं के घरों पर हमले की घटनाएं हुई हैं.
नगा समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने कहा कि कट्टरपंथी मेईतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल द्वारा ईसाइयों को परेशान करने और शारीरिक हमले के साथ परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी है, जो शांति और सहिष्णुता के लिए ख़तरा है.
मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय ने राज्य के चार ज़िलों में रैलियां निकालते हुए जातीय हिंसा को समाप्त करने और आदिवासियों के लिए ‘केंद्र शासित प्रदेश’ बनाने की मांग उठाई. वहीं, मेईतेई बहुल इंफाल घाटी में महिलाओं ने रैली कर कुकी-ज़ो समुदाय की अलग प्रशासन की मांग का कड़ा विरोध किया.
मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी या मोरेह जैसे अशांत क्षेत्रों में बहुसंख्यक समुदाय के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं है.
मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह के पास टी मोथा में अज्ञात हमलावरों ने एक स्कूल की इमारत में आग लगा दी, वहीं जिरीबाम ज़िले के कालीनगर में खाली पड़े घरों और दुकानों में आगजनी हुई. इस बीच राज्य सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कैबिनेट उपसमिति बनाने की बात कही है.
मणिपुर: जिरीबाम हिंसा के बीच मेईतेई-कुकी समूहों ने हिंसा से निपटने में केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाए
मणिपुर में पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा से अछूते रहे जिरीबाम ज़िले में हिंसा फैलने के बीच कुकी संगठनों ने केंद्र और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. वहीं, मेईतेई संगठन ने कहा कि केंद्र स्थिति से निपटने में 'तटस्थ रुख़' अपना रहा है.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में बीते 6 जून को एक व्यक्ति की बर्बर हत्या के बाद हिंसा भड़की थी और उग्र भीड़ ने दो पुलिस चौकियों, एक वन विभाग कार्यालय और कम से कम 70 घरों को आग लगा दी थी. अब घटना के बाद लगभग 2,000 लोग विस्थापित होकर असम पहुंचे हैं.
मणिपुर के सीमावर्ती ज़िले जिरीबाम में गुरुवार को उस समय तनाव फैल गया जब अज्ञात हमलावरों ने एक 56 वर्षीय व्यक्ति का अपरहरण कर उनकी बर्बर तरीके से हत्या कर दी. इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद राज्य सरकार ने ज़िले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू घोषित लगा दिया है.
मणिपुर में कुकी नेशनल फ्रंट-मिलिट्री काउंसिल ने थांगजिंग चिंग (पहाड़ी) पर एक साइनबोर्ड लगाया था, जिसमें इसे ‘कुकी आर्मी’ का ‘थांगटिंग शिविर’ कहा गया था. सांस्कृतिक रूप से विवादित क्षेत्र में लगाए गए इस साइनबोर्ड को लेकर पुलिस ने ज़ीरो एफआईआर दर्ज की है. मेईतेई समुदाय इस जगह को तीर्थ मानता है.
मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.
मई 2023 में मणिपुर में हिंसा छिड़ने के बाद भीड़ ने दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि घटना से पहले दोनों महिलाएं सड़क किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी में बैठ गई थीं, लेकिन कर्मियों ने उन्हें गाड़ी की चाबी न होने का हवाला देकर वहीं छोड़ दिया.
वीडियो: मणिपुर में मई 2023 में एक रैली निकलने के बाद भड़की हिंसा अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं और शिविरों में रह रहे हैं. ऐसे में क्या यहां के आम लोग लोकसभा चुनाव के लिया तैयार भी हैं? इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
ग्यारह महीनों से जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कुकी नेशनल असेंबली ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर भारत में पीड़ा सहना हमारा अधिकार माना जा रहा है, तो हम संसदीय चुनावों में भाग न लेने का विकल्प चुनते हैं. इससे पहले भी कई कुकी-ज़ो समूहों ने लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान कर चुके हैं.
मणिपुर के तेंगनौपाल और काकचिंग ज़िलों के आसपास दो सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए. वहीं, एक अन्य घटना में कुछ लोगों ने पल्लेल के पास एक आरा मशीन में आग लगा दी. राज्य में दो संसदीय सीटों के लिए दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होना है.