सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 39 पैसे टूटकर 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया. बाद में, भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ.
सरकार में हर कोई दूसरा टॉपिक खोजने में लगा है जिस पर बोल सकें ताकि रुपये और पेट्रोल पर बोलने की नौबत न आए. जनता भी चुप है. यह चुप्पी डरी हुई जनता का प्रमाण है.