हरियाणा: भाजपा किसान मोर्चा की बैठक में बोले मुख्यमंत्री- समूह बनाएं, जैसे के लिए तैसा करें

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को भाजपा किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. विपक्षी दलों का आरोप है कि वे भाजपा के समर्थकों से केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों को विरोध कर रहे किसानों पर हमले के लिए कह रहे थे. वहीं, एसकेएम ने कहा कि सरकार 'हत्या के इरादे' से काम कर रही है, जबकि किसान आंदोलन ने स्पष्ट रूप से शांति और अहिंसा के मूल्यों को बनाए रखा है.

किसान आंदोलन: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- राजमार्गों को हमेशा के लिए बाधित कैसे रखा जा सकता है

सुप्रीम कोर्ट यूपी गेट पर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बाधित की गई सड़क खोलने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र व संबंधित राज्य सरकारों को इसका समाधान निकालना चाहिए. उधर, प्रदर्शनकारी किसान बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि नाकाबंदी पुलिस बैरिकेड्स के चलते है. उन्होंने विरोध स्थल को ऐसे व्यवस्थित किया है कि यातायात सुचारू रूप से चल सके.

‘संसद निर्माण कार्य देखने जा सकते हैं तो किसानों से मिलने क्यों नहीं आ सकते पीएम मोदी’

वीडियो: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया था. द वायर के याक़ूत अली और सिराज अली ने इसी दिन हरियाणा के बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों से बात की.

वे धर्म-जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ध्यान रहे हम एक ही हैं: राकेश टिकैत

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने युवाओं से भूमि, फसल और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को युवाओं द्वारा क्रांति की ज़रूरत है.

किसानों का भारत बंद: दरबारी मीडिया का सर्कस, मोदी की ख़ामोशी

वीडियो: केंद्र सरकार के विवादास्पद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन के तहत किसान संगठनों ने बीते 27 सितंबर को देशव्यापी भारत बंद का आयोजन किया था. इसे लेकर स्वतंत्र कृषि-नीति विश्लेषक इंद्र शेखर सिंह से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने बातचीत की.

भारत बंद: क्या शाहजहांपुर किसान आंदोलन की सबसे कमज़ोर कड़ी है?

वीडियो: कृषि क़ानूनों के खि़लाफ़ बीते 27 सितंबर को भारत बंद के दौरान राजस्थान-हरियाणा सीमा पर स्थित शाहजहांपुर में मौजूद किसानों से द वायर के इंद्र शेखर सिंह ने आंदोलन की चुनौतियों और बाधाओं पर बातचीत की.

किसान आंदोलन: भारत बंद को मिला-जुला असर, टिकैत ने कहा- आंदोलन सफ़ल रहा

तीन विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इस प्रदर्शन के 10 महीने पूरे होने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के इन क़ानूनों पर मुहर लगाने के एक साल पूरा होने के मौके पर ‘भारत बंद’ का आयोजन किया था.

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन के 300 दिन पूरे

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन की अगुवाई रह रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से देश की खाद्य एवं कृषि प्रणाली पर उद्योग घरानों के क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज करा रहे हैं. उनकी मांगें स्पष्ट हैं, जिसकी जानकारी मोदी सरकार को है और जो हठपूर्वक किसानों की जायज़ मांगों को नहीं मानने पर अड़ी है.

राकेश टिकैत ‘डकैत’ हैं, किसानों का प्रदर्शन ‘सिखिस्तान’ से प्रभावित है: भाजपा सांसद

यूपी के बहराइच से भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने कहा कि जो लोग कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं, बल्कि 'सिखिस्तान' और 'पाकिस्तान' समर्थित राजनीतिक दलों के लोग हैं. इससे पहले सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन को 'प्रायोजित' बताया था.

गणतंत्र दिवस हिंसा: दो साज़िशों की कहानी

जहां दिल्ली पुलिस का दावा है कि गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली में शामिल किसानों ने लाल क़िले पर कब्ज़ा करने की साज़िश रची थी, वहीं इस मामले को लेकर गठित पंजाब विधानसभा की समिति का कहना है कि उस रोज़ हुई हिंसा पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को बदनाम करने के षड्यंत्र का नतीजा थी.

किसान आंदोलन: 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान, संगठन ने कहा- शांतिपूर्ण रहेगा विरोध प्रदर्शन

चालीस से अधिक किसान संघों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान अपनी मर्ज़ी से विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अलग-अलग राज्यों की पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वहां रहने के लिए मजबूर किया है.

ट्रैक्टरों की बिक्री में बढ़ोतरी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की साज़िश का हिस्साः दिल्ली पुलिस

विवादित कृषि क़ानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस साल 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.

किसानों के प्रदर्शन के ‘प्रतिकूल प्रभाव’ पर मानवाधिकार आयोग ने चार राज्यों को नोटिस भेजा

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों और पुलिस प्रमुखों को इस आरोप पर नोटिस भेजे हैं कि किसानों के जारी विरोध प्रदर्शनों से औद्योगिक इकाइयों और परिवहन पर ‘प्रतिकूल प्रभाव’ पड़ा है और आंदोलन स्थलों पर कोविड-19 सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया गया है.

मुज़फ़्फ़रनगर महापंचायत ने सांप्रदायिकता पर वो चोट की है, जिसकी देश को सख़्त ज़रूरत थी

किसान आंदोलन के अराजनीतिक होने को उसकी अतिरिक्त शक्ति के रूप में देखें, तो कह सकते हैं कि हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की यह मुहिम राजनीतिक हानि-लाभ से जुड़ी न होने के कारण अधिक विश्वसनीय है और ज़्यादा उम्मीदें जगाती है.

26 जनवरी की घटनाओं के संबंध में किसानों को जारी नोटिस पर मोर्चा ने दिल्ली पुलिस की आलोचना की

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर इस प्रकार के असंवैधानिक और अवैध कार्य कर रही है, क्योंकि जिन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनके नाम एफ़आईआर में नहीं हैं और न ही उन्होंने किसी हिंसक गतिविधि में भाग लिया है. बीते 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया गया था. इस

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