राज्य की सबसे बड़ी नीमच मंडी में प्याज़ 50 पैसे प्रति किलोग्राम और लहसुन 2 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिका. मंडी सचिव का कहना है कि किसान बेहतर गुणवत्ता का माल लेकर मंडी आएंगे तो बेहतर दाम मिलेगा.
महाराष्ट्र के संजय साठे नाम के एक किसान को अपना 750 किलो प्याज़ मात्र 1.40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचनी पड़ी. इससे नाराज़ किसान ने पूरा पैसा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आपदा राहत कोष में दान कर दिया.
गुरुवार को रामलीला मैदान में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने कहा कि उन्हें राम मंदिर या राम मूर्ति के बजाय क़र्ज़ माफ़ी और अपने उत्पादों का लाभकारी मूल्य चाहिए.
देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान अपनी मांगों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मुख्य मांग है कि उनका कर्ज़ा माफ़ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर उन्हें फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया किया जाए.
कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.
वीडियो: देश के किसान एक बार फिर विभिन्न मांगों के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं. उनकी मांगों और समस्याओं पर कृषि मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ से धीरज मिश्रा की बातचीत.
विशेष रिपोर्ट: बीमा कंपनियों को अक्टूबर 2018 तक 66,242 करोड़ रुपये का प्रीमियम मिल चुका है. एक तरफ कंपनियों को समय पर प्रीमियम मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के क्लेम का भुगतान कई महीनों से लंबित पड़ा है.
कृषि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी की वजह से किसानों को खाद और बीज खरीदने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कंपनियों को पहले की बीमा योजनाओं के मुक़ाबले 36,848 करोड़ रुपये का ज़्यादा प्रीमियम मिला है जबकि कवर किए गए किसानों की संख्या में सिर्फ़ 0.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
नाबार्ड के हालिया अध्ययन के मुताबिक भारत में 10.07 करोड़ किसानों में से 52.5 प्रतिशत क़र्ज़ में दबे हुए हैं. वर्ष 2017 में एक किसान परिवार की कुल मासिक आय 8,931 रुपये थी.
वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूआरएमएस) कंपनी के एक सर्वे में यह बात सामने आई कि सिर्फ 28.7 प्रतिशत किसानों को ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी है.
बीते 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के किसानों को संबोधित किया था. तब छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान ने दावा किया था कि उनकी आय दोगुनी हो गई है. वहीं उनके ग्राम प्रधान ने एक समाचार चैनल से बातचीत में दावा किया कि प्रधानमंत्री से बातचीत से पहले दिल्ली से एक टीम आई थी जिसने बताया था कि किस सवाल का कैसा जवाब देना है.
2017 को एक ऐसे साल के तौर पर याद किया जाएगा, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने ही हाथों भारी नुकसान पहुंचाया गया. इससे जीडीपी में तीव्र गिरावट आयी और पहले से ही नए रोज़गार निर्माण की ख़राब स्थिति और बदतर हुई.
कांग्रेस ने कहा किसानों को छल रही है वसुंधरा सरकार. ओडिशा में किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा का प्रदर्शन.
कर्ज़ से परेशान किसानों की आत्महत्या के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं. विभिन्न राज्यों के किसान लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं.