26 जनवरी की घटनाओं के संबंध में किसानों को जारी नोटिस पर मोर्चा ने दिल्ली पुलिस की आलोचना की

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर इस प्रकार के असंवैधानिक और अवैध कार्य कर रही है, क्योंकि जिन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनके नाम एफ़आईआर में नहीं हैं और न ही उन्होंने किसी हिंसक गतिविधि में भाग लिया है. बीते 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया गया था. इस

तमिलनाडु विधानसभा ने केंद्र के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सदन को बताया कि कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले किसानों और राजनीतिक दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ राज्य में दर्ज किए गए सभी मामले वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा और खेती को बड़ी कंपनियों के क़ब्जे़ में जाने से रोकने के लिए केंद्र को इन क़ानूनों को वापस लेना चाहिए.

किसान आंदोलन: हरियाणा में प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह के दो मामले समेत कुल 138 केस दर्ज

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने विधानसभा में बताया कि राज्य में कृषि क़ानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शनों के संबंध में ज़्यादातर मामले कुरुक्षेत्र, सोनीपत, भिवानी, हिसार, सिरसा और फ़तेहाबाद ज़िलों में दर्ज किए गए हैं. ये मामले दंगा, घातक हथियार से लैस होने, आदेश की अवज्ञा, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने सहित विभिन्न धाराओं से संबंधित हैं. सभी 138 मामले सितंबर 2020 से अब तक दर्ज किए गए हैं.

आरएसएस से जुड़े किसान संघ ने कहा- नए कृषि क़ानूनों में सुधार की ज़रूरत

भारतीय किसान संघ ने कहा है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत समेत फ़सल की लाभदायक कीमत देने की मांग पर आठ सितंबर को देशव्यापी आंदोलन होगा. तीन नए कृषि क़ानूनों में एमएसपी सुनिश्चित करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए एक अलग क़ानून बनाना चाहिए. इसके अलावा आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव के बारे में भी अपनी संघ ने आपत्ति जताई, जो बड़ी कंपनियों को कुछ वस्तुओं को स्टॉक करने की अनुमति देता है.

पंजाब: फ़िरोज़पुर से दो बार विधायक रहे सुखपाल सिंह नान्नू ने कृषि क़ानूनों को लेकर भाजपा छोड़ी

भाजपा के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह नान्नू के अनुसार, भाजपा का झंडा हमेशा उनके घर के ऊपर लगा रहता था, लेकिन अब उन्होंने इसे भारी मन से हटा दिया है और किसानों के मुद्दों को अब तक हल नहीं कर पाने वाली केंद्र सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए इसकी जगह काला झंडा लगा दिया है.

कृषि क़ानूनों की कोई धारा अगर किसान हितों के ख़िलाफ़ है तो सरकार बात करने को तैयार: राजनाथ सिंह

तीन कृषि क़ानूनों को पूरी तरह से समझने पर ज़ोर देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विरोध का माहौल बनाया जा रहा है और किसानों को इसे समझना चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भ्रम भी पैदा किया गया. किसानों ने सच जानना शुरू कर दिया है और उन्होंने अपने लाभ तथा हानि की गणना करनी शुरू कर दी है.

बुंदेलखंड पैकेज: योजनाएं आईं, करोड़ों रुपये बहाए गए, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं बदला

विशेष रिपोर्ट: बुंदेलखंड पैकेज का उद्देश्य सिंचाई, पेयजल, कृषि, पशुपालन समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कर पूरे इलाके का समग्र विकास करना था, लेकिन इसके तहत बनीं संरचनाओं की दयनीय स्थिति इसकी असफलता की कहानी बयां करती है. मंडियों को अभी भी खुलने का इंतज़ार है, उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान ज़्यादा पानी वाली फ़सल उगाने को मजबूर हैं, जो कि क्षेत्र में एक अतिरिक्त संकट की आहट है.

महिला किसान संसद में सरकार के ख़िलाफ़ पास किया गया अविश्वास प्रस्ताव

वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बीते नौ अगस्त को प्रदर्शनकारी महिला किसानों ने किसान संसद का आयोजन किया था. इस दौरान महिला किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया. महिला किसान संसद में भाग लेने के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों की महिलाएं जंतर मंतर पहुंचीं और मंच से अपनी बात रखी.

वीएम सिंह के नेतृत्व में कई किसान संगठन अब कृषि क़ानूनों में संशोधन की मांग कर रहे हैं

वीडियो: बीते 4 अगस्त को कुछ किसान संगठन दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में किसानों और सरकार के बीच वार्ता फिर से शुरू होने की उम्मीद में एकत्र हुए. उन्होंने वीएम सिंह के नेतृत्व में एक नया संगठन ‘राष्ट्रीय किसान मोर्चा’ बनाया है, जो कृषि क़ानूनों की वापसी नहीं, बल्कि उसमें संशोधन चाहता है. वीएम सिंह से द वायर की बातचीत.

नवगठित किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री से कृषि क़ानूनों में चार संशोधन पारित कराने की मांग की

किसान संगठनों के नवगठित संगठन ‘राष्ट्रीय किसान मोर्चा’ ने पत्र में संसद के मौजूद मानसून सत्र में विवादित कृषि क़ानूनों में चार संशोधनों का प्रस्ताव पारित कराने की मांग की है, जिसमें किसानों की ज़मीनों के साथ कोई समझौता न होने की गारंटी, किसानों को कोर्ट जाने की आज़ादी, एमएसपी की गारंटी और सरकारी ख़रीद केंद्रों पर फ़सल का तत्काल भुगतान की गारंटी शामिल है. उसने कहा है कि यह बातचीत के लिए पूर्व शर्त है.

हरियाणा: राजद्रोह मामले में किसान को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- बोलने की आज़ादी लोकतंत्र की नींव

बीते मई में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर अन्य आरोपों के साथ राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किसान दलबीर सिंह को ज़मानत देते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है.

यूपी भाजपा के ट्विटर पेज से कार्टून पोस्ट कर किसान आंदोलनकारियों को दी गई चेतावनी

उत्तर प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से 29 जुलाई को एक कार्टून पोस्ट किया गया था. इस कार्टून में एक बाहुबली को एक आंदोलनकारी किसान को प्रदर्शन के लिए लखनऊ न जाने की सलाह देते हुए दिखाया गया है, क्योंकि वहां योगी आदित्यनाथ का शासन है. कार्टून में बाहुबली की बात सुनकर किसान को यह सोचते हुए भी दिखाया गया है कि उसे बाल पकड़कर खींचा जा रहा है. बाल खींचने वाले का हाथ दिखाया गया है, जिसने भगवा

कांग्रेस नेताओं के ट्रैक्टर से संसद पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया

बीते सोमवार को कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी कुछ कांग्रेसी नेताओं और सांसदों के साथ ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया था कि इसके बाद उन्हें और कुछ अन्य पार्टी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने सात घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा.

किसान संसदः महिला किसानों ने जंतर मंतर पर कहा- ये आंदोलन सिर्फ़ पुरुषों का नहीं

केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करने के लिए पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की लगभग 200 महिला किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में चल रहे ‘किसान संसद’ में भाग लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के एक बयान में कहा गया है कि ‘महिला किसान संसद’ द्वारा दो प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें एक कृषि विरोध में महिला किसानों की मान्यता की मांग और दूसरा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं

यूपी में किसान आंदोलन होगा तेज़, पांच सितंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में महापंचायत से होगी शुरुआत

संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आंदोलन को तेज़ करने के लिए चार चरणों में आंदोलन की योजना बनाई है. पहले चरण में राज्यों में आंदोलन में सक्रिय संगठनों के साथ संपर्क और समन्वय स्थापित किया जाएगा. दूसरे चरण में मंडलवार किसान कन्वेंशन और ज़िलेवार तैयारी बैठक होगी. तीसरे चरण में पांच सितंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में किसानों की महापंचायत आयोजित की जाएगी और चौथे चरण में मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत होगी.

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