मिमिक्री की घटना को लेकर अपनी जाट पहचान का हवाला देने वाले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जाट समुदाय की भागीदारी वाले दो हालिया आंदोलनों- किसानों के कृषि क़ानूनों के विरोध और पहलवानों के प्रदर्शन के दौरान ख़ामोश थे. अपने समुदाय का ज़िक्र उन्होंने वहीं किया है, जहां यह सत्तारूढ़ दल के लिए सुविधाजनक है.
वीडियो: उन नौजवानों की ज़िंदगी और परिवारवालों की बात, जिन्होंने बीते 13 दिसंबर को संसद में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जताया. द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि इस पूरे मामले को केवल संसद की सुरक्षा में चूक तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए, बल्कि नौजवानों कहानी बताती है कि यह मामला भारत की भीषण बदहाली से जुड़ा हुआ है.
बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.
26 नवंबर से शुरू हो रहे किसानों के नए राष्ट्रव्यापी विरोध का उद्देश्य कृषि ऋण माफ़ करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करना, किसानों की उपज एकत्र करना और उसे राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित करना, विरोध के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवज़ा प्रदान करना जैसी मांगों पर ज़ोर देना है.
तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जिनमें से चार किसान थे. ये किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उनके दर्जन भर साथियों के ख़िलाफ़ किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं.
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.
पंजाब में संगरूर ज़िले के लोंगोवाल का मामला. बीते जुलाई महीने में पंजाब और हरियाणा में बाढ़ आई थी, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को भयानक वित्तीय नुकसान हुआ. तब से किसान संगठन बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवज़े की मांग कर रहे हैं. चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन से पहले कई किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है.
वीडियो: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी का भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय ट्विटर पर दबाव बनाने का दावा इस बात को पुख़्ता करता है कि कैसे मोदी सरकार ने मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया को भी नियंत्रित करने की हरसंभव कोशिश की है.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी के भारत सरकार द्वारा दबाव डालने की बात को केंद्र ने झूठा बताया है. इस पर पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास हर वजह है.
वीडियो: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत सरकार की ओर से उन्हें ट्विटर बंद कर देने और कर्मचारियों के घर छापे की धमकी मिली थी. कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी सेल के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने इस पर कहा कि मोदी सरकार फ्री स्पीच के लिए ख़तरा है.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने कहा है कि इस सोशल मंच को किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के मुंडलाना गांव में आयोजित एक महापंचायत में 2024 के आम चुनावों में भाजपा को हराने की अपील की.
तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रामलीला मैदान में एक महापंचायत का आयोजन किया गया. मोर्चा ने क़ानूनों को रद्द करने और आंदोलन समाप्त करने के दौरान एमएसपी पर क़ानूनी गारंटी के अलावा केंद्र की ओर से किए गए अन्य वादों को पूरा करने को कहा है.
अक्टूबर 2021 में हुए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आठ लोगों की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को ज़मानत देने के अलावा इस संबंध में दर्ज एक अन्य एफ़आईआर के संबंध में क़ैद चार किसानों को भी अंतरिम ज़मानत का लाभ दिया. आशीष मिश्रा पांच लोगों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं, जिन्हें कथित तौर पर वाहन से कुचल दिया गया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह अपराध घिनौना एवं गंभीर है. ज़मानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.