किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के ज़रिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की स्थापित व्यवस्था को ख़त्म कर रही है और अगर ऐसा होता है तो उन्हें कॉरपोरेट के रहम पर जीना पड़ेगा. बीते जुलाई महीने में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के किसान भी इसे लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के सिलौली का है, जहां एक पचास वर्षीय किसान का शव खेत में लटका मिला. उनके परिजनों ने बताया कि वह लॉकडाउन के कारण गन्ने की फसल न बेच पाने की वजह से अवसाद में थे.
इस योजना को महात्मा ज्योतिराव फुले ऋण माफी योजना कहा जाएगा. राज्य के खजाने पर इस कदम से कितना वित्तीय भार पड़ेगा, इस पर महाराष्ट्र सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा.
बुलेट ट्रेन परियोजना को उन किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है.
राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम अमल में लाए जा रहे हैं लेकिन आत्महत्या करने वाले किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान वर्तमान में चलाई जा रही किसी नीति में नहीं है.
मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. किसान पिछले दो दिनों से सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.
किसान आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है. साल 2016 में इस राज्य में सर्वाधिक 3,661 किसानों ने आत्महत्या की. इससे पहले 2014 में यहां 4,004 और 2015 में 4,291 किसानों ने आत्महत्या की थी.
राजस्थान सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 33 ज़िलों को भूजल के हिसाब से कुल 295 ब्लॉक में बांटा गया है, जिनमें से 184 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आ गए हैं. इसका मतलब है कि आधे से ज़्यादा राज्य में ज़मीनी पानी कभी भी समाप्त हो सकता है.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने विधान परिषद में ये जानकारी दी. बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कुल 1,379 हेक्टेयर की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
वीडियो: बीते पांच सालों में किसानों की आय के मुद्दे पर लगातार विरोध प्रदर्शन हुए. द वायर के कबीर अग्रवाल बता रहे हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में फसलों की कीमत और किसानों की आय बढ़ाना मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब के अमृतसर में किसानों ने किया प्रदर्शन.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की ओर से कहा गया है कि बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिन्होंने इसके आर्थिक पहलुओं के बारे में विचार नहीं किया. जबसे वह प्रधानमंत्री बने हैं, निजी कंपनियों के हितों की रक्षा का प्रयास कर रहे हैं.
राजधानी दिल्ली में देश भर से इकट्ठा हुए हज़ारों किसान संसद का एक संयुक्त सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं, जहां कृषि संकट से जुड़े उनके सवाल उठाए जा सकें. किसानों से आरफा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राजधानी नई दिल्ली में हुए किसानों के आंदोलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई नेता साथ नज़र आए. किसानों ने कहा कि राहुल गांधी ने वादे किए हैं, समय आने पर हिसाब लिया जाएगा.
विभिन्न मांगों को लेकर लगभग 20,000 किसान ठाणे से मुंबई पदयात्रा कर पहुंचे हैं. ये किसान विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे.