महाराष्ट्र के सहकारिता एवं पुनर्वास मंत्री सुभाष देशमुख ने विधानसभा में बताया कि साल 2015 से 2018 के दौरान जिन 12,021 किसानों ने आत्महत्या की, उनमें से 6,888 किसान सरकारी मदद पाने के योग्य थे.
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले का मामला. पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच की जाएगी कि क्या असल में इसे मृतक किसान ने ही लिखा था. हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से इसकी जांच कराई जाएगी.
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2014-2018 के दौरान राज्य में हर दिन औसतन आठ किसानों ने आत्महत्या की.