वरिष्ठ पत्रकार और किसान कार्यकर्ता साईनाथ ने दावा किया कि महाराष्ट्र के एक ज़िले में फसल बीमा योजना के तहत कुल 173 करोड़ रुपये रिलायंस इंश्योरेंस को दिए गए. फसल बर्बाद होने पर रिलायंस ने किसानों को सिर्फ़ 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया और बिना एक पैसा लगाए 143 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमा लिया.
नागौर जिले के मंगल चंद ने पंजाब नेशनल बैंक से 2.98 लाख रुपये का क़र्ज़ लिया था. 1.75 लाख रुपये जमा करवाने के बावजूद बैंक 4.59 लाख रुपये मांग रहा था. ज़मीन की नीलामी का आदेश निकलने से तनाव में आए मंगल ने फांसी लगाकर जान दे दी.
अपेक्षित फसल न होने से हताश किसान मुथुसामी ने अपने 2 बच्चों की हत्या कर 70 वर्षीय मां संग फांसी लगा ली. मुथुसामी पर करीब 13 लाख रुपये का क़र्ज़ बकाया था.
राजस्थान के हाड़ौती संभाग के बारां और कोटा ज़िलों का मामला. पुलिस ने आरोपों को ख़ारिज किया.
देश में पिछले चार वर्षों में कृषि विकास दर का औसत 1.9 प्रतिशत रहा. किसानों के लिए समर्थन मूल्य से लेकर, फसल बीमा योजना, कृषि जिंसों का निर्यात, गन्ने का बकाया भुगतान और कृषि ऋण जैसे बिंदुओं पर केंद्र सरकार पूर्णतया विफल हो गई है.
उपचुनाव परिणाम बता रहे हैं कि अब जुमलों से काम नहीं चलने वाला.
कैराना लोकसभा उपचुनाव से ठीक एक दिन पहले 27 मई को बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है. लेकिन इससे पहले पांच दिन से धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई है.
कांग्रेस बोली, पिछले 3 सालों में 38 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है. 35 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार ने किसानों की जगह अमीरों का क़र्ज़ माफ़ किया.
राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, किसानों के मुद्दे उठाने से रोक रही है. पंजाब में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पूर्व मुख्यमंत्री बादल के गृह ज़िले में.
सीताराम येचुरी ने कहा, कृषि विकास दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत हुई, किसान आत्महत्याएं ख़तरनाक स्तर पर पहुंचीं, क़र्ज़माफ़ी सिर्फ़ बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स के लिए.
साल 2017 एक तरह से किसान आंदोलनों का साल रहा. पूरे बरस भर देश के किसी न किसी हिस्से में किसान आंदोलन करते रहे.
छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में बताया, मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुल 61 किसानों ने आत्महत्या की.
विशेषज्ञों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में संकट बढ़ रहा है. उपज का दाम समर्थन मूल्य से नीचे आता है, तो किसानों को मुश्किल होगी. पिछले दो साल में किसानों की आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
राजस्व मंत्री ने विधानसभा में कहा, आत्महत्या करने वाले कुल किसानों में से 12,805 किसानों ने क़र्ज़, बंजर ज़मीन और ऋण के भुगतान को लेकर दबाव के चलते यह क़दम उठाया.
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा, मनमोहन सिंह पर ऐसे आरोप लगाते हुए मोदी को शर्म आनी चाहिए. किसानों से कहा, सरकार को बिजली बिल और दूसरे बकाये का भुगतान न करें.