श्रीनगर स्थित श्री महाराजा हरि सिंह हॉस्पिटल को पीएम केयर्स फंड से तीन कंपनियों ने 165 वेंटिलेटर्स दिए थे, जिसमें से कोई भी काम नहीं कर रहा है. इन तीन में से दो कंपनियों पर वेंटिलेटर की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. बताया गया है कि इस केंद्रशासित प्रदेश की ओर से इन वेंटिलेटर्स की मांग नहीं की गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ कोविड-19 महामारी से संबंधित उन याचिकाओं को सुन रही थी, जिसमें बताया गया था कि कई अस्पतालों को पीएम केयर्स फंड के तहत केंद्र से मिले 150 वेंटिलेटर में से 113 ख़राब थे. अदालत ने कहा है कि इन्हें बदलकर नए सही वेंटिलेटर स्थापित करना केंद्र की ज़िम्मेदारी है.
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पीएम केयर्स फंड के तहत आपूर्ति किए गए 150 वेंटिलेटर्स में 113 के ख़राब होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने कहा कि सरकार को एहसास होना चाहिए कि उन्होंने ख़राब गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर की आपूर्ति की है. उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर से बदलें.