साल 1913 में आज ही के दिन (03 मई) भारत की पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र प्रदर्शित की गई थी. इस मूक फिल्म को दादा साहेब फाल्के ने बनाया था.
अगर बेग़म जान या पाकिस्तान के बाहर विभाजन पर बनी कोई भी फिल्म सरकार को इतना डरा देती है कि उसे बैन करने से पहले देखना तक ज़रूरी नहीं समझा जाता, तो यह दिखाता है कि ये मुल्क किस कदर असुरक्षा और डर में जी रहा है.
नोटबंदी पर बनी एक बंगाली फिल्म की रिलीज़ पर सीबीएफसी के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने रोक लगा दी है. इस फिल्म को मंज़ूरी देने के लिए सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को भेजा गया है.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने बीबीसी और इसके दक्षिण एशिया संवाददाता जस्टिन रॉलेट पर देश के किसी भी बाघ अभयारण्य में घुसने पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है.
जॉली एलएलबी-2 एक मुस्लिम युवा के फेक एनकाउंटर की कहानी है. आख़िर में उसे न्याय मिल जाता है. लेकिन असल ज़िंदगी की कहानियों को क्या ऐसा अंत मिल पाता है?
राजधानी दिल्ली से लगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की अपनी फिल्म इंडस्ट्री है जिसे यहां के लोगों ने ‘मॉलीवुड’ नाम दिया हुआ है.