लेखक एवं निर्देशक विशाल भारद्वाज ने कहा कि समाज में जो कुछ भी गलत होता है उसका दोष मढ़ने के लिए फिल्में आसान लक्ष्य हैं. सेंसर बोर्ड फिल्म निर्माताओं की चिंताओं पर ध्यान नहीं देता है.
फिल्मकार ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित करने से रचनात्मकता को पनपने के लिए नए रास्ते मिल जाते हैं.