Finance Ministry

जय शाह और खंडवाला के कारोबारी रिश्ते पर कुछ सवाल

सरकार न सिर्फ़ शाह का गवाह बनकर कूद पड़ी, बल्कि न्यायिक मदद का पूर्वानुमान लगाते हुए स्टोरी छपने के पहले ही इसके लिए एडिशनल साॅलिसिटर जनरल को इजाज़त भी दे दी.

विश्व बैंक ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी के कारण कम रह सकती है भारत की वृद्धि दर

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी वृद्धि दर अनुमान घटाया, ओपेक ने कहा भारत मज़बूत वृद्धि के रास्ते पर.

14 लाख इकाइयों ने नहीं दाख़िल किया जीएसटीआर, जेटली बोले जीएसटी को बेपटरी करने के प्रयास विफल

जुलाई महीने का जीएसटीआर दाख़िल करने की अंतिम तारीख़ 10 अक्टूबर, सरकार का और समय देने से इनकार.

GST Protest PTI

जीएसटी की मार से व्यापारी बेहाल

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार बता रहे हैं कि टैक्स वसूलने को लेकर सरकार और व्यापारियों के बीच एक तरह की जंग चल रही है. व्यापारी डर के मारे बोल नहीं पा रहे हैं. कैमरा आॅन होता है तो तारीफ करने लगते हैं.

मोदी सरकार ने अडानी समूह को 500 करोड़ का फ़ायदा पहुंचाया

सरकार ने चुपके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसका सीधा फ़ायदा अडानी समूह को पहुंचा.

‘बड़े संगठन हमेशा से छोटे व्यापारियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

फोटो: रॉयटर्स

जीएसटी: ‘नई आज़ादी’ के आधी रात के जश्न में गुम न हो जाएं ये सवाल

जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.

क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?

सरकार मज़दूरों की सामाजिक सुरक्षा क्यों छीन रही है?

मज़दूरों को न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनके कार्य क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों पर एक उपकर (सेस) लगाया गया था, जिसे सरकार ख़त्म करती जा रही है.