जल्दबाज़ी में जीएसटी के क्रियान्वयन से हुई अर्थव्यवस्था धीमी: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के फैसले को ऐतिहासिक भूल बताया. साथ ही वाम दलों से केंद्र सरकार की गलत नीतियों के ख़िलाफ़ लड़ने में कांग्रेस नेतृत्व का साथ देने को कहा.

नोटबंदी-जीएसटी से धीमी हुई अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने के लिए 9 लाख करोड़ का पैकेज

ढांचागत परियोजनाओं में 6.92 लाख करोड़ ख़र्च होंगे और 2.11 लाख करोड़ रुपये एनपीए के बोझ से दबे सरकारी बैंकों का आधार मजबूत करने के लिए होंगे.

जय शाह और खंडवाला के कारोबारी रिश्ते पर कुछ सवाल

सरकार न सिर्फ़ शाह का गवाह बनकर कूद पड़ी, बल्कि न्यायिक मदद का पूर्वानुमान लगाते हुए स्टोरी छपने के पहले ही इसके लिए एडिशनल साॅलिसिटर जनरल को इजाज़त भी दे दी.

जीएसटी की मार से व्यापारी बेहाल

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार बता रहे हैं कि टैक्स वसूलने को लेकर सरकार और व्यापारियों के बीच एक तरह की जंग चल रही है. व्यापारी डर के मारे बोल नहीं पा रहे हैं. कैमरा आॅन होता है तो तारीफ करने लगते हैं.

‘बड़े संगठन हमेशा से छोटे व्यापारियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

जीएसटी: ‘नई आज़ादी’ के आधी रात के जश्न में गुम न हो जाएं ये सवाल

जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.

क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?

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