इन 15 एजेंसियों में एनआईए, एसएफआईओ, राज्य पुलिस विभाग, विभिन्न अधिनियमों के तहत नियामक, विदेश व्यापार महानिदेशालय, विदेश मंत्रालय और सीसीआई शामिल हैं. पहले ईडी को केवल 10 एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की अनुमति थी.
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के ख़िलाफ़ अपील ख़ारिज करते हुए लंदन के हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी कि उसके आत्महत्या करने का जोख़िम ऐसा नहीं है कि उसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अनुचित और दमनकारी होगा.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज से लेकर दालों और दही से लेकर लस्सी तक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है और इन पैकेटबंद सामान का वज़न 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. इससे पहले केवल ब्रांडेड अनाज-दालें ही जीएसटी के दायरे में आती थीं.
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत 3.5 फीसदी के काफी उच्च स्तर के चालू खाते के घाटे की संभावना से दो-चार है. एक अनुमान के मुताबिक़, भारत का चालू खाते का घाटा 100 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर हो सकता है. सरकार के सामने इस बढ़ रहे चालू खाते के घाटे की भरपाई पूंजी प्रवाह से करने की चुनौती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में सोने का अधिक उत्पादन नहीं होता है और इसलिए इसके आयात से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है. सोने की मांग कीमत से प्रभावित नहीं होती है, यह बनी रहती है. ऐसे में इसके आयात को कम करने के प्रयास करने होंगे. या फिर अगर आप आयात करना ही चाहते हैं तो आपको अधिक कीमत अदा करनी होगी, ताकि देश को राजस्व मिले.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 57 वर्षीय माधबी पुरी बुच की शुरुआती तीन साल की अवधि के लिए नियुक्ति को मंज़ूरी दी है. बुच अजय त्यागी का स्थान लेंगी, जिनका पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है. वह सेबी की पूर्णकालिक सदस्य भी रह चुकी हैं.
निजीकरण की प्रक्रिया के तहत टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड, नीलाचल इस्पात में 93.71 प्रतिशत इक्विटी हासिल करने में सक्षम होगी. नीलाचल इस्पात का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन की क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र है, जो भारी घाटे में चल रहा है और यह 30 मार्च, 2020 से बंद है. एयर इंडिया के बाद मोदी सरकार का यह दूसरा निजीकरण समझौता होगा. टाटा समूह ने हाल ही में एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को एक जनवरी से 10 जनवरी 2022 के बीच उसकी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.
आईआईटी-मुंबई द्वारा प्रधानमंत्री जन-धन खाता योजना पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक़, एसबीआई ने अप्रैल 2017 से सितंबर 2020 के दौरान योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआई व रुपे लेनदेन के एवज़ में 254 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क वसूला था, जिसे सरकार ने वापस लौटाने का निर्देश दिया था.
रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम को बंद करने का आदेश दिया है. इससे पहले सात सितंबर को भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन को बंद किया गया था. वित्त मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफ़ारिश की थी कि सरकार निकायों को बंद करके या विभिन्न मंत्रालयों के तहत कई संगठनों का विलय करके उन्हें युक्तिसंगत बनाए.
अगर महज़ दो फीसदी बाज़ार हिस्सेदारी वाले अमेज़ॉन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 कहा जा सकता है, तो फिर केंद्र सरकार को क्या कहा जाए जो एक तरफ सरकारी एकाधिकार रहे जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन की बिक्री के लिए विदेशी पूंजी को दावत दे रही है, दूसरी तरफ ऊर्जा और रेलवे जैसे रणनीतिक क्षेत्र में थोक भाव से निजीकरण को बढ़ावा दे रही है?
आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ के 5 सितंबर के संस्करण के लेख में भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधते हुए इसे ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’ क़रार दिया गया था. इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि इंफोसिस का ‘राष्ट्र-विरोधी’ ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के जीएसटी तथा आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है.
कोरोना महामारी के चलते खड़ी हुई अप्रत्याशित स्थिति में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत महिला खाताधारकों को तीन किस्तों में 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. अब आरटीआई के तहत सामने आई जानकारी में इसके आंकड़ों में विसंगतियां मिली हैं.
आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब संगठन से जुड़ी ‘पाञ्चजन्य’ पत्रिका सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की आलोचना करने से जुड़े एक लेख से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख ने दूरी बना ली थी. पत्रिका ने लेख में जीएसटी और आयकर पोर्टल में आ रहीं गड़बड़ियों को लेकर इंफोसिस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कंपनी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ काम कर रही है.
आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ के 5 सितंबर के संस्करण के लेख में भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था और इसे ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’ क़रार दिया गया था. इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि इंफोसिस का ‘राष्ट्र-विरोधी’ ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के जीएसटी तथा आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है.