फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा कि 1990 के शुरुआती वर्षों में बैंकिंग को कमज़ोर गुणवत्ता के कर्ज़ देने की समस्या से जूझना पड़ा. ख़ासतौर पर बड़ी राशि के कर्ज़ गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना पूंजीवादी मित्रों को दिए गए, जिससे समस्या बढ़ गई.
भारतीय रिज़र्व बैंक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में एक लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में संख्या के हिसाब से 28 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 159 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
सरकार ने विवादास्पद फाइनेंशियल रिज़ोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस एक्ट (एफआरडीआई) बिल को वापस लेने का फैसला किया है. फिलहाल यह बिल संसद की स्थायी समिति में विचाराधीन है.