उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में सोमवार सुबह सड़क किनारे चाय की दुकान से पैसे चुराने के संदेह में 12 साल के एक लड़के के साथ यह बर्बरता की गई. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पिटाई से लड़के को बांह और पीठ पर चोटें आई हैं.
उत्तर प्रदेश के आगरा शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि 10वीं कक्षा की छात्रा को युवक द्वारा पीछा किए जाने के कारण इस साल आगरा में अपना स्कूल और बोर्ड परीक्षा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. परिवार पहले फ़िरोज़ाबाद के एक गांव में रह रहा था और युवक से पीछा छुड़ाने के लिए कुछ महीने पहले आगरा चला आया था.
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले के शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के साधुपुर गांव में 1981 में उच्च जाति के राशन दुकान के मालिक के ख़िलाफ़ शिकायत करने पर 10 दलितों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान नौ आरोपियों की मौत हो गई थी.
मामला फिरोज़ाबाद का है. एचआईवी पॉजिटिव महिला के परिवार का आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रसव पीड़ा के बावजूद कई घंटों तक उन्हें छूने से मना किया. अस्पताल प्रमुख के हस्तक्षेप के बाद महिला की डिलीवरी हुई, जिसके कुछ घंटे बाद ही नवजात की मौत हो गई. अस्पताल ने जांच के आदेश दिए हैं.
पुलिस बताया कि 24 अगस्त को मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म पर सो रही एक महिला के पास से चुराया गया सात माह का बच्चा फ़िरोज़ाबाद नगर निगम की भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल के घर से मिला. उन्होंने इसे कथित तौर पर हाथरस के एक बच्चा चोर गिरोह संचालक दंपति से एक लाख अस्सी हज़ार रुपये में खरीदा था.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा ज़ोर से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई है. इसी तरह की एक घटना चंदौली ज़िले में बीते एक मई को हुई थी, जहां एक पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान एक रेत व्यापारी की दो बेटियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले में डेंगू और वायरल बुखार से लगातार बच्चों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. क़रीब 100 बच्चों की मौत हो जाने के बाद भी सरकार की लापरवाही इतनी है कि अस्पताल में एक बेड पर 3 से 4 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.
फ़िरोज़ाबाद जिला बीते कई हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में अभी तक 57 लोगों की मौत हुई है जिसमें अधिकतर बच्चे हैं. हालांकि बीते तीन सितंबर को सदर विधायक मनीष असीजा ने बुखार और डेंगू से अब तक 61 लोगों की मौत होने का दावा किया था.
फ़िरोज़ाबाद सदर से भाजपा विधायक मनीष असीजा का दावा है कि मरने वालों की संख्या 61 पहुंच गई हैं. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फ़िरोज़ाबाद जनपद में 10 क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां वायरल बुखार और डेंगू का प्रकोप है, जिनमें नौ ब्लॉक व एक नगर निगम क्षेत्र है. कुल 3,719 रोगियों का इलाज चल रहा है और बुखार से पीड़ित कुल मरीज़ों की तादाद 2,533 है.
फिरोज़ाबाद मेडिकल कॉलेज में मंगलवार शाम तक 210 बच्चों को भर्ती कराया गया था. बीते एक हफ्ते में डेंगू जैसे संदिग्ध बुखार से दम तोड़ने वालों में बत्तीस बच्चे शामिल हैं. अधिकारियों का कहना है कि मौत का प्राथमिक कारण डेंगू लग रहा है पर साथ ही अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है.
फ़िरोज़ाबाद ज़िला पंचायत अध्यक्ष हर्षिता सिंह ने बताया कि अगले सप्ताह तक हम ज़िला मजिस्ट्रेट को प्रस्ताव के बारे में सूचित करते हुए एक पत्र लिखेंगे और फिर वह आगे की कार्रवाई करेंगे और सरकार को लिखेंगे. अंतत: सरकार नाम परिवर्तन के बारे में अंतिम निर्णय लेगी.
उत्तर प्रदेश के फ़िराज़ाबाद के एक कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रमुख प्रोफ़ेसर शहरयार अली पर केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट लिखने का आरोप लगा है. उनके वकील का कहना है कि प्रोफ़ेसर को शिकायतकर्ता ने ग़लत तरीके से फंसाया है, जो भाजपा का ज़िला मंत्री है.
मामला फ़िरोज़ाबाद ज़िले के जसराना थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिसंबर में गांव के एक युवक ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया था. पॉक्सो के तहत गठित विशेष अदालत ने साढ़े तीन महीने के अंदर आरोपी को दोषी करार दिया और मौत की सज़ा सुनाई.
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले के नागला मुल्ला गांव का मामला. युवती बीते साल दिसंबर में आरोपी मुस्लिम युवक के साथ घर छोड़कर चली गई थी. पुलिस ने युवती का पता लगा लिया, लेकिन पुलिस को अभी युवक की तलाश है. फिलहाल युवक और युवती के गांवों में तनाव व्याप्त है.
मामला उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद का है. स्थानीय भाजपा नेता ने पुलिस से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि एक वॉट्सऐप ग्रुप में किए जा रहे पोस्ट लोगों की भावनाओं को भड़का सकते हैं.