Flash Flood

उत्तराखंड के पर्यावरणीय ख़तरे समूचे हिमालय के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं

उत्तराखंड में हाल ही में घटी लगातार आपदाएं हिमालयी जनजीवन के अस्तित्व पर आगामी सदियों के ख़तरों की आहट दे रही हैं. सरकार व नौकरशाही के कामचलाऊ रुख़ से जलवायु परिवर्तन समेत मानव निर्मित गंभीर विषम स्थितियों का सामना करना दुष्कर हो चला है.

बंगाल: प्रतिमा विसर्जन के दौरान अचानक आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत, कई लापता

जलपाईगुड़ी ज़िले में माल नदी में दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हुए थे जब अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की डूब गए. इसी तरह की एक  घटना में राजस्थान के अजमेर ज़िले में मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबने से छह लोगों की मृत्यु हो गई.

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से मृतक संख्या बढ़कर 16 हुई, यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित

जम्मू कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से शुक्रवार को आई बाढ़ के बाद से 40 लोग लापता हैं. हादसे के बाद फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार, बचाव अभियान ख़त्म होने के बाद अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे संबंधी याचिका ख़ारिज कर क्या कोर्ट ने पर्यावरण चिंताओं की उपेक्षा की?

बीते फ़रवरी माह में हुए उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे के बाद प्रलयंकारी बाढ़ लाने वाली ऋषिगंगा नदी पर बन रही एनटीपीसी की दो जलविद्युत परियोजना को मिली वन एवं पर्यावरण मंज़ूरी रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी. हालांकि कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने चमोली ज़िले के पांच याचिकाकर्ताओं की प्रमाणिकता पर ही सवाल उठाते हुए इस याचिका को ख़ारिज कर दिया और प्रत्येक पर 10-10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है.

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा: लखीमपुर खीरी ज़िले के 29 लापता मज़दूर को मृत घोषित किया गया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के रहने वाले ये 29 लोग उत्तराखंड के चमोली ज़िले में तपोवन-विष्णुगढ़ हाइड्रोपावर परियोजना में काम कर रहे थे और इस साल फरवरी महीने में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ के कारण हुए हादसे के बाद से लापता थे. अचानक आई बाढ़ से चमोली ज़िले के रैणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था.

उत्तराखंड: चमोली में नीति घाटी के पास हिमस्खलन, कम से कम आठ की मौत

उत्तराखंड के चमोली ज़िले के पास नीति घाटी के सुमना क्षेत्र में शुक्रवार को एक ग्लेशियर के टूटने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई. भारतीय सेना ने शनिवार को शवों को बरामद किया और 384 अन्य लोगों को बचाने में कामयाब रही, जो शुक्रवार शाम तक इस क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन के शिविर में काम कर रहे थे.

उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा: सरकार ने कहा, 74 शव बरामद, 130 लोग अब भी लापता

बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी पर ग्लेशियर टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई थी. इससे ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई थी, जबकि धौलीगंगा के साथ लगती एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को व्यापक नुकसान पहुंचा था. आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे.

क्या ‘ग्रीन’ शब्द जुड़ जाने मात्र से कोई परियोजना प्रकृति अनुकूल हो जाती है

नदी, पहाड़, जैव-विविधता की अनदेखी कर बनी बड़ी हाइड्रो पावर परियोजनाओं से पैदा ऊर्जा को ‘ग्रीन एनर्जी’ कैसे कह सकते हैं? एक आकलन के अनुसार कई परियोजनाएं तो उनकी क्षमता की 25 प्रतिशत बिजली भी पैदा नहीं कर पा रही हैं. तो अगर ये परियोजनाएं व्यावहारिक नहीं हैं, तो सरकार ज़िद पर क्यों अड़ी है?

उत्तराखंड आपदा: हादसों के ढेर पर बैठे हैं लेकिन सबक कुछ नहीं

भूगर्भ वैज्ञानिक निरंतर चेतावनी दे रहे हैं कि सभी ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न मौसमी बदलाव हो रहे हैं. ऐसे में तरह-तरह के हाइड्रोप्रोजेक्ट बनाने की ज़िद प्राकृतिक हादसों को आमंत्रण दे रही है. सबसे चिंताजनक यह है कि केंद्र या उत्तराखंड सरकार इन क्षेत्रों में लगातार हो रहे हादसों से कुछ नहीं सीख रही है.

उत्तराखंड: चमोली आपदा में लापता लोगों को मृत घोषित करेगी सरकार, अधिसूचना जारी

बीते सात फरवरी को चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी में पर ग्लेशियर टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई थी. इससे चमोली ज़िले के रैणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था. आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे, जिनमें से अभी तक 70 के शव बरामद हो चुके हैं और 134 लोग अब भी लापता हैं.

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा: तपोवन सुरंग से एक और शव मिला, मृतकों की संख्या बढ़कर 68 हुई

बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई थी. बाढ़ से रैणी गांव में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई थी, जबकि धौलीगंगा के साथ लगती एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को व्यापक नुकसान पहुंचा था.

उत्तराखंड आपदा: एक और शव मिला, मृतक संख्या बढ़कर 62 हुई, 142 लोग अब भी लापता

बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी में पर ग्लेशियर टूटने से हिमस्खलन हुआ था, जिससे नदी के किनारे 13.2 मेगावाट की एक जलविद्युत परियोजना ध्वस्त हो गई थी, जबकि धौलीगंगा के साथ लगती एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को व्यापक नुकसान पहुंचा था.

आय प्रभावित होने के चलते पर्यावरणीय प्रवाह क़ानून कमज़ोर करने को प्रयासरत है विद्युत मंत्रालय

2018 में मोदी सरकार ने गंगा की ऊपरी धाराओं पर बनी पनबिजली परियोजनाओं के लिए 20-30 फीसदी पानी छोड़ना अनिवार्य बताया था. आधिकारिक दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि कमाई पर असर पड़ने के चलते विद्युत मंत्रालय ने मौजूदा व निर्माणाधीन परियोजनाओं में इसे लागू करने से छूट दिए जाने की बात कही थी.

उत्तराखंड: 2019 में पीएमओ ने पनबिजली परियोजनाओं के लिए बनाए थे कड़े नियम, राज्य सरकार को थी आपत्ति

दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 25 फरवरी 2019 को हुई पीएमओ की एक बैठक में किसी भी नई पनबिजली परियोजना को मंज़ूरी देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके साथ ही ऐसे प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया जिनका निर्माण कार्य आधे से कम हुआ था.

2019 में केंद्र की समिति ने बताया था कि फायदे के लिए पनबिजली प्रोजेक्ट गंगा में पानी नहीं छोड़ते

विशेष रिपोर्ट: मोदी सरकार ने अक्टूबर 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था कि गंगा की ऊपरी धाराओं यानी कि देवप्रयाग से हरिद्वार तक बनी सभी पनबिजली परियोजनाओं को अलग-अलग सीजन में 20 से 30 फीसदी पानी छोड़ना होगा. आरोप है कि ऐसी परियोजनाएं बहुत कम मात्रा में पानी छोड़ते हैं, जिससे नदी के स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.